तुर्की कोर्ट ने बुधवार को 60 बिजनेसमैन को लंबे समय से चल रहे मुकदमे में गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। इन पर जुलाई में तख्तापलट करने की कोशिश करने वाले आंदोलन में शामिल संदिग्धों के साथ संबंध होने का आरोप है।
एनाडोलू न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 110 बिजनेसमैन को पहले ही इस्तांबुल कोर्ट लाया गया था। उन्हें आतंकवादी संगठन गुलेन का सदस्य होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इनमें 50 बिजनेसमैन को सशर्त रिहाई दे दी गई। इसके साथ ही उन्हें देश छोड़कर जाने और अभियोजक के अपील करने पर नियमित रूप से अथॉरिटी को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया।
वहीं, गुलेन ने किसी की भी भागीदारी से इनकार किया है। इस्तांबुल के मुख्य लोक अभियोजक के कार्यालय की ओर से 380 बिजनेसमैन को हिरासत में लेने के लिए वॉरंट जारी किया गया था। जांच के दौरान इन पर गुलेन आंदोलन में आर्थिक रूप से मदद करने का संदेह था।
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380 बिजनेसमैन में से 164 को 35 प्रांत में ऑपरेशन के दौरान अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया था। इनमें 110 के विदेशों में होने की आशंका है और अधिकारी 106 बिजनेसमैन की खोज कर रहे हैं। हिरासत में लिए गए 164 में से 54 लोगों को रिहा कर दिया गया, जिनमें से 110 को गिरफ्तार कर इस्तांबुल कोर्ट भेज दिया गया। एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 84 मिलिटेंट को भी गिरफ्तार किया गया। उन पर कथित तौर पर गुलेन मूवमेंट में शामिल होने का आरोप है।
तुर्की सरकार ने तख्तापलट की कोशिश और गुलेन आंदोलन के दौरान राज्य में आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी थी। इस दौरान 41 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 100,000 से ज्यादा सरकारी नौकरी से निकाल दिया गया था।
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पिछले साल हुई थी तख्तापलट की कोशिश
16 जुलाई 2016 को तुर्की में सेना ने 2016 तुर्की तख्तापलट की कोशिश की, जिसमें करीब 250 लोग मारे गए और 1440 लोग घायल हो गए। 2839 साजिशकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। एयरपोर्ट सहित कई महत्वपूर्ण जगहों पर विद्रोही सेना द्वारा कब्जा कर लिया गया और सेना ने दावा किया कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। हालांकि प्रधानमंत्री बिनअली यिलदरिम ने कहा कि सैन्य तख्तातलट की कोशिश नाकाम कर दी गई है। इस हिंसा में सैकड़ों की जान चली गई थी।
Source : News Nation Bureau