तुर्की के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि तुर्की अपने तकनीकी विमानन विशेषज्ञ सेवा प्रदान करने के लिए तैयार है ताकि तालिबान को नागरिक उड़ानों के लिए काबुल हवाई अड्डे के संचालन में मदद मिल सके. तुर्की के राष्ट्रपति के प्रवक्ता इब्राहिम कालिन ने देश के एनटीवी समाचार चैनल पर कहा, 'हवाई अड्डे पर तकनीकी सहायता प्रदान करने वाले तुर्की नागरिक विशेषज्ञों पर बातचीत जारी है.' ब्रिटेन के प्रमुख दैनिक द गार्जियन के अनुसार, जर्मनी तुर्की से इस बात पर भी चर्चा कर रहा है कि क्या वह अमेरिकी सेना के जाने के बाद काबुल से लोगों को एयरलिफ्ट कर सकता है.
दूसरे देशों के नागरिकों को घर-वापसी में मिलेगी मदद
विकल्पों पर चर्चा की जा रही है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया था कि वह काबुल हवाई अड्डे से अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा बढ़ाएंगे या नहीं. तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों को हटाने के लिए 31 अगस्त की समय सीमा बढ़ाने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध किया था, पर अब संगठन ने कहा है कि वह काबुल से नागरिक उड़ानों को फिर से शुरू करने के खिलाफ नहीं है, जो किसी भी विदेशी नागरिक को देश छोड़ने के लिए सक्षम बनाता है.
जर्मनी ने की थी पहल
जर्मन विदेश मंत्री हेइको मास ने पहले कहा था, 'हम 31 अगस्त के बाद लोगों को निकालने में सक्षम बनाने के लिए काबुल हवाई अड्डे के नागरिक संचालन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से संयुक्त राज्य अमेरिका, तुर्की और अन्य भागीदारों के साथ बात कर रहे हैं. हमें भी इस मुद्दे पर तालिबान से बात करना जारी रखना होगा और हम यही कर रहे हैं.' तुर्की ने पहले ही अपने सैनिकों को वापस लेना शुरू कर दिया है और कालिन ने कहा कि निकासी को पूरा करने में 36 घंटे लगेंगे. उन्होंने एनटीवी से कहा, 'हमारे सैनिकों के हटने के बाद हम वहां हवाईअड्डे पर इस परिचालन कार्य को जारी रख सकते हैं, लेकिन यह तभी होगा जब इस दिशा में शर्तो पर सहमति होगी.'
तुर्की ने नहीं दी है तालिबान को मान्यता
हालांकि साथ ही तुर्की न तो तालिबान सरकार को इस बिंदु पर मान्यता देने को तैयार है और न ही वह किसी अफगान शरणार्थी को लेने को तैयार है. इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों द्वारा काबुल हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमले की ताजा धमकी ने निकासी को और धीमा कर दिया है. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को अपने नागरिकों को काबुल हवाईअड्डे से दूर रहने की चेतावनी दी क्योंकि इलाके में आतंकवादी हमले का बड़ा खतरा है.
HIGHLIGHTS
- काबुल एयरपोर्ट से उड़ाने होंगी सामान्य
- तुर्की करेगा तालिबान की मदद
- जर्मनी ने रखा था इस बात का प्रस्ताव