नेपाल में कई महीने से सियासी उठापटक जारी है. इस बीच देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और माधव कुमार नेपाल ने संसद के निचले सदन को भंग करने के विरोध में धरना प्रदर्शन पर बैठ गए. वह नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक गुट का नेतृत्व कर रहे हैं. दरअसल, नेपाल में सियासी संकट दिन पर दिन गहराता जा रहा है. इसी कड़ी में हाल ही में नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. गौरतलब है कि, काफी समय से नेपाल की कम्युनिष्ट पार्टी के दो टुकड़ों में बंटने की अटकलें लगाई जा रही थी.
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बता दें कि पिछले साल 20 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था. इसके बाद से देश में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है. फैसले को सु्प्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है. बता दें कि साल 2017 के चुनाव में संसद की लगभग दो-तिहाई बहुमत और उच्च सदन में पूर्ण बहुमत हासिल करके ओली संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य नेपाल के पहले प्रधानमंत्री बने.
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सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन- माओवादी केंद्र के बीच गठबंधन बनाने में सफलता के बाद, नेपाल की दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों का विलय हो गया. इसके बाद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया गया, जो अब विभाजन के कगार पर है.
Source : News Nation Bureau