भारतीय मूल के दो अमेरिकी, अडोब के प्रमुख शांतनु नारायण और पूर्व सर्जन जनरल विवेक मूर्ति का नाम उन 38 प्रवासियों की सूची में शुमार है जिन्हें देश के समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए इस वर्ष सम्मानित किया जाएगा। नारायण और मूर्ति को 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 'ग्रेट इमिग्रेंट्स' पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
39 साल के मूर्ति का जन्म ब्रिटेन में हुआ था और वह हार्वर्ड और येल यूनिवर्सिटी से पढाई कर चुके है। 2014 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें सर्जन जनरल नियुक्त किया था। हालांकि इस वर्ष अप्रैल में ट्रंप सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था।
नारायण (54 वर्ष) मूल रूप से हैदराबाद के हैं। उन्होंने अपना एमबीए यूसी बर्कले से किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालिया अमेरिका यात्रा के दौरान जिन सीईओ से मुलाकात की थी उनमें नारायण भी शामिल थे।
सम्मान पाने वाले और लोगों में कनाडाई मूल के जेफ्फ स्कॉल, यूक्रेन मूल के पेपाल के संस्थापक मैक्स लेवशिन और ईरानी मूल के सामाजिक कार्यकर्ता और उद्यमी हुशांग अंसारी शामिल है।
2006 से लगातार,कॉरपोरेशन अमेरिकी नागरिकता लेने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता है। इस वर्ष 2017 में सम्मान पाने वाले 30 देशों के आप्रवासियों में काबिलियत और अलग-अलग क्षेत्रों में नेतृत्व की गज़ब की क्षमता है।
कार्नेगी कॉरपोरेशन ऑफ न्यूयॉर्क के अध्यक्ष वर्टन ग्रेगोरियन ने कहा,' 'ग्रेट इमिग्रेंट्स' के जरिये हम सम्मान और आभार प्रकट करते है प्रवासियों के प्रतिभा, कौशल, उपलब्धि और समृद्धि का जो वो अमेरिकी समाज को प्रदान करते है।
(इनपुट्स PTI से)
और पढें: नहीं समझ आ रहा जीएसटी, पढ़ें और जाने क्या होगा फ़ायदा
Source : News Nation Bureau