ब्रिटेन समेत पश्चिमी देश चीन पर लगातार तकनीकी की चोरी समेत तमाम आरोप लगाते रहते हैं. इस बार ब्रिटेन के पीएम पद की रेस में शामिल दोनों ही चेहरों ने चीन को लेकर सख्त रूख अपनाया है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक इस रेस में शामिल दो लोगों में से एक हैं. अब तक घरेलू मोर्चे की बात करने वाले ऋषि सुनक ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने चीन को खतरा नंबर-एक करार दिया है. ऋषि सुनक ने साफ शब्दों में कहा कि अगर वो यूके के प्रधानमंत्री बनते हैं, तो चीन के खिलाफ बहुत सख्त नीति अपनाएंगे. ऐसा करने के पीछे की वजहों को भी उन्होंने गिनाया.
कन्फ्यूसियस संस्थानों पर लटकाउंगा ताले, तकनीकी चुरा रहा चीन
ऋषि सुनक ने चीन के खिलाफ ऐसे कठोर कदम उठाने की घोषणा की है, जो अबतक किसी ने नहीं की थी. उन्होंने साफ शब्दों में अपनी योजनाओं को लेकर बात की और कहा कि वो पीएम बनते ही ब्रिटेन में चल रहे सभी 30 चीनी कन्फ्यूसियस संस्थानों पर ताले लटका देंगे. क्योंकि चीन इनका इस्तेमाल दूसरे देशों में अपनी संस्कृति और भाषा के प्रसार में करता है, फिर उस देश में अपना प्रभाव जमाने लगता है. यही नहीं, उन्होंने ब्रिटेन के शिक्षण संस्थानों में चीनी फंडिंग को सीमित करने की भी बात कही और कहा कि चीनी कम्युनिष्ट पार्टी से जुड़े संस्थान जिन शिक्षण संस्थानों में फंडिंग करते हैं, उन्हें 60 हजार डॉलर तक की ही छूट दी जाएगी. इससे ज्यादा फंडिंग करने पर उन्हें सरकार से इजाजत लेनी होगी, जो वो देंगे नहीं. सुनक ने आरोप लगाया कि चीन ब्रिटिश तकनीक चुरा रहा है. हमारे विश्वविद्यालयों में घुसपैठ कर रहा है. रूसी तेल खरीदकर विदेश में व्लादिमीर पुतिन को मजबूत कर रहा है. साथ ही ताइवान सहित पड़ोसियों को धमकाने का प्रयास भी कर रहा है. उन्होंने चीन की वैश्विक 'बेल्ट एंड रोड' को ऐसी योजना करार दिया, जो देशों को कर्ज के जाल में फंसा देती है. उन्होंने चीन पर शिनजियांग और हांगकांग में अपने ही लोगों के उत्पीड़न का आरोप लगाया.
एमआई 5 के खुफिया कार्यक्रमों को बढ़ाएंगे ऋषि सुनक
ऋषि सुनक ने कहा कि लंबे समय से ब्रिटेन और पश्चिमी देश चीन की नापाक गतिविधियों पर आंखें मूंदकर उसके लिए रेड कार्पेट बिछाते आए हैं… मैं पीएम बनते ही, पहले दिन से इसे बदल दूंगा. सुनक ने चीन की जासूसी हरकतों से निपटने के लिए ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के इस्तेमाल और साइबर स्पेस में चीनी खतरों के मुकाबले के लिए नाटो स्टाइल में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का नेटवर्क तैयार करने का भी वादा किया है. उन्होंने टेक्नॉलजी कंपनियों और रणनीतिक रूप से संवेदनशील संपत्तियों के चीनी अधिग्रहण पर रोक लगाने पर भी विचार की बात कही है.
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ऋषि सुनक पर लगे थे चीन के प्रति नरमी बरतने के आरोप
बता दें कि कुछ दिनों पहले चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने पहले कहा था कि सुनक इकलौते उम्मीदवार हैं जो ब्रिटेन और चीन के संबंधों को विकसित करने पर स्पष्ट और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हैं. जिसके बाद ट्रस का समर्थन कर रहे ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने इसे लेकर सुनक की आलोचना की थी. यही नहीं, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की जगह लेने की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के सुनक पर उनकी प्रतिद्वंदी लिज ट्रस ने भी चीन और रूस को लेकर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. इसके बाद सुनक का ये तीखा रुख सामने आया है.
HIGHLIGHTS
- ब्रिटेन के पीएम पद की रेस में सुनक आगे
- ऋषि सुनक ने कहा-चीन यूके ही नहीं, दुनिया के लिए खतरा नंबर 1
- सभी कन्फ्यूसियस संस्थानों पर लटका दूंगा ताले