रूस-यूक्रेन युद्ध के 50वें दिन व्लादिमीर पुतिन को एक बड़ा झटका लगा है. यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी नौसेना के स्लावा क्लास के क्रूजर मोस्कवा को उसने अपनी नेप्चून क्रूज मिसाइल और तुर्की के बायरकतार टीबी-2 ड्रोन की मदद से काला सागर में ध्वस्त कर दिया है. यह अलग बात है कि यूक्रेन के इस दावे के विपरीत रूस ने कहा है कि गोला बारूद में विस्फोट होने से मोस्कवा युद्धपोत में आग लग गई थी और वह काला सागर में डूब गया. रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1941 के बाद ऐसा पहली बार होगा जब किसी शत्रु देश ने इतने बड़े रूसी युद्धपोत को बर्बाद किया है.
सोवियत संघ के दौर में बना था युद्धपोत
मोस्कवा युद्धपोत 12500 टन वजनी और 600 फुट लंबा था, जिसे अखंड सोवियत संघ के जमाने में बनाया गया था. इस विशाल युद्धपोत के डूबने को यू्क्रेन की मनोवैज्ञानिक जीत बतौर देखा जा रहा है. हालांकि रूस ने पहले कहा था कि इस युद्धपोत में आग लगने के बाद इसे तट पर लाने का प्रयास किया जा रहा था, जो इसी कवायद के दौरान काला सागर में डूब गया.
रूस ने किया यूक्रेन के दावे का खंडन
रूसी रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जहाज पर गोला-बारूद के विस्फोटों के कारण हुए नुकसान से मोस्कवा स्थिर नहीं रह सका. इसके चालक दल के सदस्यों को अन्य जहाजों में भेज दिया गया है. मंत्रालय ने गुरुवार को पहले कहा कि आग के कारण जहाज पर गोला बारूद के विस्फोट से यह गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था. यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र के गवर्नर मक्सिम मार्चेको ने बुधवार को टेलीग्राम पर कहा कि स्नेक आइलैंड पर यूक्रेन के सीमा रक्षकों ने क्रूजर मोस्कवा को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए नेप्च्यून एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल किया था.
HIGHLIGHTS
- मोस्कवा युद्धपोत 12500 टन वजनी और 600 फुट लंबा था
- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्रूजर के नष्ट होने की पहली घटना
- यूक्रेन ने किया है रूसी युद्धपोत को हमले में नष्ट करने का दावा