ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अब ‘ऐसी जानकारी मिली है’ कि ईरान में दुर्घटनाग्रस्त हुआ यूक्रेन का बोइंग 747 विमान ईरान की मिसाइल की चपेट में आया था. उनकी यह टिप्पणी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ऐसी ही टिप्पणी के बाद आई है. जॉनसन ने इस हादसे पर एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘‘ऐसी जानकारी है कि सतह से हवा में मार करने वाली ईरान की मिसाइल ने यह विमान गिराया है. यह हो सकता है कि ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया हो.’’
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने ‘सभी पक्षों से तत्काल क्षेत्र में तनाव कम करने की अपील की है.’ गौरतलब है कि बुधवार को यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइन का बोइंग 737एनजी तेहरान से उड़ान भरने के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इराक में अमेरिकी बलों को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमले के कुछ देर बाद ही यह विमान हादसा हुआ था.
जॉनसन ने कहा, ‘‘हम कनाडा और हमारे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और अब इसमें पूरी तरह से पारदर्शी जांच की जरूरत है. इस दुर्घटना में ब्रिटेन के चार नागरिकों की मौत हुई. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने मांग की है कि इसमें जान गंवाने वाले लोगों के शवों को तत्काल उनके घरों तक सम्मानपूर्ण तरीके से भेजा जाए ताकि परिवार वाले अंतिम विदाई दे सकें.
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इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुफिया सूत्रों के हवाले से यह दावा किया कि तेहरान (Tehran) में यूक्रेनियन एयरलाइनर (Ukrainian Airliner) को ईरान (Iran) की ओर से छोड़े गए धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने ही निशाना बनाया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा, ईरान का यह कदम गैर इरादतन भी हो सकता है. उन्होंने कहा, खुफिया रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के विमान को ईरान के मिसाइल ने ही निशाना बनाया था. जस्टिन ट्रूडो ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही. न्यूज वीक ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Pentagon) के हवाले से दावा किया है कि गलती से यूक्रेन का विमान ईरान की एक एंटी एयर क्राफ्ट मिसाइल सिस्टम से मार गिराया गया है.
ईरान में बीते बुधवार को बड़ा विमान 'हादसा' हो गया था. विमान ने तेहरान से यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए उड़ान भरी थी. यूक्रेन का विमान तेहरान से उड़ान भरते ही क्रैश हो गया था. जिस वक्त विमान हादसे का शिकार हुआ, उस वक्त उसमें 176 यात्री सवार थे. इनमें कनाडा के 63 और यूक्रेन के 11 नागरिक थे. इनके अलावा विमान में स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के 4, जर्मनी के 3 और ब्रिटेन के 3 लोग भी विमान में थे. इनमें से कोई जिंदा नहीं बचा. ईरान की ओर से दावा किया गया था कि प्लेन का इंजन फेल हो जाने से यह क्रैश हो गया था. हालांकि हादसे के दिन से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि यूक्रेन का यह प्लेन ईरान की मिसाइल का शिकार हो गया.
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इससे पहले सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका मान रहा है कि ईरान ने गलती से यूक्रेन के विमान को निशाना बनाया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी माना था कि यह टेक्निकल चूक नहीं, बल्कि गलती से मिसाइल विमान को आ लगी है.
अपने सैन्य कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने बुधवार को इराक में अमेरिकी ठिकानों पर 22 मिसाइल दागे थे. माना जा रहा है कि उन्हीं में से एक मिसाइल यूक्रेन के विमान को आ लगी. यूक्रेन ने घटना के कारणों की जांच के लिए एक टीम गठित की है. यूक्रेन के जांच अफसरों का कहना है कि वे घटना के कारणों की कई पहलुओं की जांच करेंगे. इसमें आतंकवाद और मिसाइल स्ट्राइक भी शामिल होगी.
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उधर, स्वीडन के विदेश मंत्री एने लिंडे ने सीएएन को बताया, प्लेन क्रैश के कारणों को लेकर किसी भी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. यूरोप के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें यकीन है कि ईरान के मिसाइल ने ही यूक्रेन के एयरलाइनर को निशाना बनाया.
Source : Bhasha