Ukraine-Russia Crisis : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है. रूस लगातार यूक्रेन पर हवाई हमला कर रहा है. रूस-यूक्रेन की जंग की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक बैठक हुई. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनको भारत वापस लाना है.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि यूक्रेन-रूस संकट के बीच भारतीयों को निकालने के लिए कीव से इंस्टानबुल का रूट इस्तेमाल हो सकता है. पीएम नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में पुतिन से बात करेंगे. उन्होंने कहा कि पोलैंड के लैंड बॉर्डर, रोमेनिया, सोलेवक रिपब्लिक और हंगरी की लैंड बाउंड्री से लोगो को निकाला जाएगा. भारत यूएन में अपने बयान पर कायम है कि यूक्रेन क्राइसिस का हल डिप्लोमेटिक तरीके से निकलना चाहिए. सेंक्शन के इंपेक्ट का भारत अध्ययन करेगा.
विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए वहा फंसे भारतीयों के मदद के लिए पोलैंड, रोमेनिया, सोलेवक रिपब्लिक और हंगरी में कंट्रोल रूम शुरू किया है. 9 घंटे में कीव से पोलैंड और रोमानिया पहुंच सकते हैं. विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय को एयर क्राफ्ट तैयार रखने को कहा है. इसे लेकर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बातचीत करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत आ चुके हैं. दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल प्राप्त हुए हैं. भारत ने यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. हमने करीब एक माह पहले यूक्रेन में भारतीयों का पंजीकरण शुरू किया था. ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां मौजूद थे.
Source : News Nation Bureau