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यूक्रेन की पुलिस भारतीय छात्रों को कर रही परेशान, ट्रेन में चढ़ने से रोका

आपरेशन गंगा अभियान के तहत छह उड़ानों से अब तक 1396 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है. 

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Pradeep Singh
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यूक्रेन संकट( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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Russia-Ukraine War:भारत सरकार यूक्रेन से भारतीय नागरिकों औऱ छात्रों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है. भारतीय नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश करने पर विचार करने का दावा कर रही है. लेकिन यूक्रेन पुलिस अब भारतीय छात्रों को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रही है. यूक्रेन सरकार की मंशा भारतीय छात्रों को रोककर सौदेबाजी करने में लगी है. युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन के खारकीव शहर में मंगलवार को एक भारतीय छात्र की फायरिंग में मौत हो गई है. कर्नाटक का रहने वाला 21 वर्षीय नवीन शेखरप्पा खाने पीने का सामान लेने एक स्टोर के बाहर खड़ा था, इसी दौरान रूसी सैनिकों की गोलीबारी का शिकार हो गया.

वहीं रूस यूक्रेन पर हमला करने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है. संभावना जताई जा रही है कि अगले 24 घंटे के भीतर रूस पूरी ताकत के साथ यूक्रेन खासकर खारकीव और कीव पर तगड़ा अटैक करेगा. इसके चलते नागरिकों को बंकर में छिपने की सलाह दी गई है.

खबर है कि हमले से बचने के लिए निकल रहे भारतीयों को यूक्रेनी पुलिस की भी प्रताड़ना सहनी पड़ रही है. बड़ी तादाद में खारकीव रेलवे स्टेशन पर खड़े छात्रों को ट्रेन में नहीं बैठने दिया जा रहा है. यूक्रेनी पुलिस अपने लोगों को पहले बाहर निकाल रही है. बता दें कि खारकीव से छात्र पश्चिमी यूक्रेन के लविव (Lviv) या उज़रोहोद (Uzhhrohod) के लिए ट्रेन पकड़ने का इंतजार कर रहे हैं. खारकीव से लगातार भारतीय छात्रों के फोन कॉल्स आ रहे हैं. छात्रों का कहना है कि उनको ट्रेन में नहीं चढ़ने दिया जा रहा है और यूक्रेन की पुलिस उनको ऐसा करने से रोक रही है.

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दरअसल, यूक्रेन के दूसरे शहरों में फंसे छात्र जैसे-तैसे टैक्सी के जरिए खारकीव रेलवे स्टेशन तक पहुंचे हैं और ट्रेन के जरिए बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं. यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को पड़ोसी देशों पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के बॉर्डर (यूक्रेन से लगी सीमा) से एयरलिफ्ट कर स्वदेश वापस ला रहा है. 'आपरेशन गंगा' अभियान के तहत छह उड़ानों से अब तक 1396 भारतीयों को स्वदेश लाया गया है. 

बता दें कि विदेश मंत्रालय ने भी एडवाइजरी जारी कर कहा है कि जल्द से जल्द भारतीय नागरिक संकट से घिरे यूक्रेन से बाहर निकलें. एडवाइजरी में एक सप्ताह पहले ही कह दिया गया था कि जिन भारतीय छात्रों का यहां रहना जरूरी नहीं है, वो यूक्रेन छोड़ दें. छात्रों को वापस लाने के लिए फ्लाइट्स और एक्स्ट्रा फ्लाइट्स भी संचालित की गई थीं, लेकिन उन्होंने यूक्रेन में रहना ही उचित समझा. हालांकि, अब सभी वहां से किसी भी कीमत पर निकलना चाह रहे हैं. 

विशेषज्ञों का दावा है कि रूस अब यूक्रेन के सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शहर खारकीव और राजधानी कीव पर आज कल में बड़े हमले कर सकता है. इसी के मद्देनजर रहवासियों को बंकर में छिपने या शहर छोड़कर भागने की सलाह दी जा रही है. कीव में एडवाइजरी जारी की गई है कि सभी नागरिक शेल्टर्स और बंकरों में चले जाएं और घर पर बिल्कुल भी न रहें. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को ही 1500-1600 से ज्यादा छात्रों को कीव से ट्रेन के लिए निकाला गया है. वहीं, एक बार कीव पर अटैक शुरू हो जाता है तो फिर यहां से नागरिकों का निकलना असंभव हो जाएगा. अच्छी बात यह है कि अभी खारकीव से ट्रेनें यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों तक संचालित की जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार, खारकीव पर रूस की सेना का कब्जा हो गया है. हालांकि, यूक्रेन ने इन खबरों को निराधार बताया है.

russia ukraine war train at Kharkiv railway station Ukrainian police harassing Indian students prevented them from boarding the train
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