दुनिया में कोरोना वायरस के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) के अध्यक्ष तज्जानी मुहम्मद बांदे ने कहा कि कोरोना वायरस का टीका (Corona Vaccine) सभी जरूरतमंद को मिलना चाहिए. अगर कोई भी देश छूट जाएगा तो फिर से संक्रमण का संकट उत्पन्न हो जाएगा. उन्होंने कहा कि समावेश ही कोरोना के टीके की अहम कुंजी है, क्योंकि जो बिना समावेश पहले ही पीछे रह गए हैं, वे आगे भी रह जाएंगे और उस संदर्भ में हम शांति की गांरटी नहीं दे पाएंगे.
यूएन के अध्यक्ष तज्जानी मुहम्मद बांदे ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए इंटरव्यू में उन बयानों पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें टीके का विकास कर रही कंपनियों एवं देशों की ओर से इसे सभी के लिए उपलब्ध कराने की बात कही गई है. उन्होंने इसे महत्वपूर्ण बताया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष बांदे ने कहा कि मेरा मानना है कि टीका उपलब्ध होने के बाद इनके खरीदने की सामर्थ्य और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नियम तय होंगे और समझौता होगा. यह विडंबना है कि महामारी के शुरुआती आकलन अनुसार, विकासशील देश सबसे अधिक प्रभावित होंगे, लेकिन ये गलत साबित हुए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि तथ्य यह है कि प्रमुख विकसित देशों के अपेक्षा अफ्रीका सहित विकासशील देशों में मृत्युदर और संक्रमण की दर कहीं कम है. यह बिल्कुल मौलिक सवाल है. गरीब हो या अमीर देश, विकसित हो या विकासशील, यह मायने रखता है कि बीमारी का मुकाबला कैसे करते हैं, चाहे आप गरीब हो या अमीर.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने चार देशों में अकाल पड़ने की चेतावनी दी
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि संघर्ष प्रभावित कांगो, यमन, दक्षिणी सूडान और पूर्वोत्तर नाइजीरिया में अकाल पड़ने और खाद्य असुरक्षा पैदा होने का खतरा है और इससे लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेजे नोट-जिसकी प्रति शुक्रवार को एसोसिटेड प्रेस को प्राप्त हुई-में संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि चार देश दुनिया के खाद्य संकट रैंकिग में सबसे ऊपर है. उन्होंने यह जानकारी खाद्य संकट और हालिया खाद्य सुरक्षा विश्लेषण-2020 के हवाले से दी और कहा कि इससे निपटने के लिए बहुत कम कोष मुहैया कराया गया है
गुतारेस ने कहा कि अब कार्रवाई करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वर्षों से सशस्त्र संघर्ष से घिरे डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, यमन, पूर्वोत्तर नाइजीरिया और दक्षिणी सूडान में एक बार फिर खाद्य सुरक्षा पर गंभीर संकट है और वे संभावित अकाल का सामना करने की कगार पर है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि सोमालिया, बुर्किना फासो और अफगानिस्तान सहित अन्य संघर्ष ग्रस्त देशों के अहम संकेतों में गिरावट आ रही है.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख मार्क लोकॉक ने कहा कि महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और इसका सबसे बड़ा असर खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादन पर पड़ा है और चरमपंथी इसका लाभ उठा सकते हैं.
Source : News Nation Bureau