हाउस अरेस्ट से रिहा होने के कुछ दिन बाद ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी हाफिज सईद ने यरूशलम के मुद्दों और फिलिस्तीन राज्य के भविष्य पर अमेरिका और इजरायल के खिलाफ राजनीतिक बयान देने शुरू कर दिए हैं।
लश्कर-ए-तैयबा के सह-संस्थापक और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी दूतावास को यरूशलम में स्थानांतरित करने की घोषणा को यहूदी विरोधी और मुस्लिम विरोधी बताया।
हाफिज ने यह बयान लाहौर और कराची में आयोजित जनसभाओं के दौरान दिया।
हाफिज ने राष्ट्रपति ट्रम्प को चेतावनी देते हुए कहा कि यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में बताना मुस्लिम देशों से उनके खिलाफ गुस्सा पैदा करेगी और संभवतः यह मिडिल ईस्ट को युद्ध की ओर ले जा सकती है।
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सईद, जिसे 23 नवंबर को हाउस अरेस्ट से रिहा किया गया था, ने लाहौर में मार्कस अल कद्सीय में अमेरीका विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व किया और गुजरानवाला में मार्कज़ अक्सा मस्जिद में शुक्रवार की जनसभा में भाग लिया।
12 दिसंबर को कराची में हाफिज ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के सदस्य देश ही अपने देश में मानव अधिकारों को कुचलने में सक्रिय है। फिलिस्तीन और दुनिया के अन्य हिस्सों में मुस्लिमों के उत्पीड़न पर इन संस्थानों की चुप्पी को निंदनीय बताया।
हाफिज ने आरोप लगाया कि फ़िलिस्तीन में इजरायल निहत्थे मुस्लिमों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा था लेकिन विश्व के सभी बड़े संस्थान उसे अनदेखा कर रहे थे।
सईद ने कथित तौर पर रावलपिंडी में जामिया मस्जिद में जमात-उद-दावा के कैडर्स के लिए एक प्रशिक्षण सत्र को भी संबोधित किया।
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Source : News Nation Bureau