संयुक्त राष्ट्र के दूत ने तालिबान सरकार के गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से की मुलाकात  

इस मुलाकात में हक्कानी ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र के कर्मी बिना किसी बाधा के अपना काम कर सकते हैं.

author-image
Pradeep Singh
एडिट
New Update
hakkani

सिराजुद्दीन हक्कानी, अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

तालिबान सरकार को अभी दुनिया के किसी देश से मान्यता नहीं मिली है और वह राजनीतिक-आर्थिक रूप से अलगाव में है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र के एक दूत ने अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से मुलाकात की है. सिराजुद्दीन हक्कानी वर्षों से दुनिया के सबसे वांछित उग्रवादियों में से एक था और अब एक सरकार का हिस्सा है. यह सरकार अफगानिस्तान में मानवीय संकट से निपटने की कोशिश कर रही है. संयुक्त राष्ट्र के दूत और हक्कानी की मुलाकात दुनिया भर के मीडिया में सुर्खी बनी हुई है. तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने गुरुवार को ट्विटर पर एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रमुख डेबोरा लियोन और सिराजुद्दीन हक्कानी की बातचीत मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित करने पर था.

तालिबानी प्रवक्ता का दावा है कि इस मुलाकात में "हक्कानी ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र के कर्मी बिना किसी बाधा के अपना काम कर सकते हैं और अफगान लोगों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकते हैं."

अफगानिस्तान पहले से ही गरीबी और सूखे का सामना कर रहा था.  लेकिन पिछले महीने तालिबान ने सत्ता पर कब्जा करके विदेशी सहायता में व्यवधान उत्पन्न किया. जिसके कारण  सरकारी और गैर सरकारी सहायता कर्मियों सहित हजारों लोग देश छोड़ गये, ऐसे लोगों के जाने और  आर्थिक गतिविधियों के ठप होने से देश की स्थिति खराब हो गई है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस सप्ताह एक अंतरराष्ट्रीय सहायता सम्मेलन में कहा था कि अफगान "शायद अपने सबसे खतरनाक समय" का सामना कर रहे हैं.

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि बुधवार की बैठक में ल्योंस ने "अफगानिस्तान में  अफगान लोगों को सहायता प्रदान करने में सभी संयुक्त राष्ट्र और मानवीय कर्मियों को किसी डर या बाधा के काम करने की सहूलियत होने के लिए पूर्ण आवश्यकता है."  

तालिबान ने अफगानिस्तान में दो दशक लंबे अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य मिशन के दौरान संयुक्त राष्ट्र को बार-बार निशाना बनाया, जो पिछले महीने तालिबान द्वारा पश्चिमी समर्थित सरकार की हार के साथ समाप्त हुआ था.

यह भी पढ़ें : मौत की अफवाहों के बाद अफगानिस्तान के डिप्टी पीएम मुल्ला बरादर ने जारी किया वीडियो

तालिबान आतंकवादियों ने 2009 में काबुल में एक गेस्ट-हाउस पर हमला कर संयुक्त राष्ट्र के पांच विदेशी कर्मचारियों की हत्या कर दी थी. यह सबसे खूनी घटनाओं में से एक था. 

हाल ही में तालिबानी बंदूकधारियों ने जुलाई में हेरात शहर में संयुक्त राष्ट्र के एक परिसर पर रॉकेट से चलने वाले हथगोले से हमला किया, जिसमें एक गार्ड की मौत हो गई, जबकि 2011 में उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ में प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र के सात कर्मचारियों की हत्या कर दी थी.

हक्कानी नेटवर्क (अफगान तालिबान के भीतर एक गुट) को तालिबान विद्रोह के दौरान अफगानिस्तान में कुछ सबसे भीषण आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2012 में समूह को एक आतंकवादी संगठन नामित किया था.

सिराजुद्दीन हक्कानी अपने पिता द्वारा स्थापित 'हक्कानी नेटवर्क' का प्रमुख और एफबीआई के सबसे वांछित व्यक्तियों में से एक है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने के लिए 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम है.

अमेरिकी अधिकारियों और पुरानी अमेरिकी समर्थित अफगान सरकार के सदस्यों ने वर्षों से कहा कि हक्कानी नेटवर्क ने अल कायदा के साथ संबंध बनाए रखा. तालिबान ने वादा किया है कि वह अफगानिस्तान को दूसरे देशों पर आतंकवादी हमलों के लिए इस्तेमाल नहीं करने देगा.

HIGHLIGHTS

  • संयुक्त राष्ट्र के दूत ने अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से की मुलाकात
  • हक्कानी वर्षों से दुनिया के सबसे वांछित उग्रवादियों में से एक और अब एक सरकार का हिस्सा है
  • अफगान "शायद अपने सबसे खतरनाक समय" का सामना कर रहे हैं
taliban Sirajuddin Haqqani UN envoy
Advertisment
Advertisment
Advertisment