अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को भारत में किसानों के विरोध जैसे राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी के लिए तीखी आलोचना झेलनी पड़ी है. यूनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी मोहिंदर गुलाटी ने थनबर्ग को एक पत्र लिखा है. इस पत्र को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को भी प्रेषित किया है. इस पत्र में गुलाटी ने लिखा है कि जब आपने 2018 में यूएनसीसीसी में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखी थी तो मैंने आपके साहस, प्रतिबद्धता की प्रशंसा की थी. 2015 तक युनाइटेड नेशन्स सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में मैंने सतत विकास लक्ष्य-7 और पेरिस जलवायु समझौते के लिए वैश्विक सहमति की वकालत की थी.
मोहिंदर गुलाटी ने आगे कहा कि मैंने आपको 2018 और 2019 में सुना तो मेरा दिल प्रसन्न हो गया, क्योंकि हम इस बात की वकालत कर रहे थे कि युवा बेहतर भविष्य के लिए बदलाव लाएंगे और आप उस विश्वास के मशाल के रूप में उभरे. इस पत्र में उन्होंने आगे लिखा कि मैं कुछ निराशा के साथ आपको लिख रहा हूं कि आपने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन जैसे राजनीतिक मुद्दों में हस्तक्षेप की कोशिश की है. यह उतना सरल व सहज नहीं है जितना कि आप समझती हैं.
गुलाटी ने लिखा कि आप जलवायु परिवर्तन के लिए अच्छा काम कर रही हैं. क्लाइमेट चेंज मानवता के लिए एक संभावित खतरा है जिस पर तत्काल गंभीरता से विचार करने की दरकार है. हमें पेरिस समझौते और सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन के लिए वैश्विक सहमति की जरूरत है.
गुलाटी ने पत्र में आगे लिखा है कि ऐसे स्थानीय राजनीतिक मुद्दों में दखल देना जिनमें अक्सर भ्रष्ट और राजनीतिक स्वार्थ निहित होता है, उससे एक बेहतर भविष्य के लिए वैश्विक नेताओं को प्रेरित करने की आपकी क्षमता कमजोर होगी. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप विवादास्पद स्थानीय राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राजनीतिक और नैतिक पूंजी खर्च न करें. मैं इस पत्र की एक प्रति संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को भी भेज रहा हूं.
HIGHLIGHTS
- ग्रेटा थनबर्ग को टिप्पणी के लिए झेलनी पड़ी आलोचना
- मोहिंदर गुलाटी ने थनबर्ग को एक पत्र लिखा है
- गुलाटी बोले- मैंने आपका 2018 में प्रशंसा भी की थी, लेकिन अब
Source : IANS