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UN ने किसान आंदलोन पर कहा- लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन...

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन के विषय में कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें यह करने देना चाहिए.

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Deepak Pandey
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किसानों का आंदोलन( Photo Credit : ANI Twitter)

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने भारत में जारी किसानों के प्रदर्शन के विषय में कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें यह करने देना चाहिए. भारत ने किसान प्रदर्शनों के बारे में विदेशी नेताओं की टिप्पणियों को ‘भ्रामक’ और ‘गैर जरूरी’ बताया और कहा कि यह एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से जुड़ा विषय है.

महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को यह कहा कि जहां तक भारत का सवाल है तो मैं वही कहना चाहता हूं कि जो मैंने इन मुद्दों को उठाने वाले अन्य लोगों से कहा है... यह ... कि लोगों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है और अधिकारियों को उन्हें यह करने देना चाहिए. दुजारिक भारत में किसानों के प्रदर्शन से जुड़े एक सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने विदेशी नेताओं की टिप्पणियों के बारे में मंगलवार को कहा था कि हमने भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित हैं. इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों. मंत्रालय ने एक संदेश में कहा कि बेहतर होगा कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाए.

भारत ने शुक्रवार को कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को तलब कर उनसे कहा कि किसानों के आंदोलन के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के कुछ अन्य नेताओं की टिप्पणी देश के आंतरिक मामलों में एक ‘अस्वीकार्य हस्तक्षेप’ के समान है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडाई राजनयिक से यह भी कहा गया गया कि ऐसी गतिविधि अगर जारी रही तो इससे द्विपक्षीय संबंधों को 'गंभीर क्षति' पहुंचेगी.

पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में बीते नौ दिन से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि नए कानूनों से किसानों को बेहतर अवसर मिलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्यागिकी लाई जा सकेगी. सरकार और किसान संगठनों के बीच कृषि कानूनों को लेकर पांचवें चरण की बातचीत शनिवार को होनी है.

Source : Bhasha

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