अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान युग की वापसी हो गई है. तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. इतना ही नहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है. जानकारी की मानें तो अशरफ गनी ताजिकिस्तान चले गए हैं. आतंकवादी संगठन तालिबान ने राष्ट्रपति भवन को भी अपने कब्जे में ले लिया है. अफगानिस्तान में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. इस बीच अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर कल सुबह यानी मंगलवार सुबह 10 बजे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बैठक होगी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव परिषद को जानकारी देंगे.
परिषद में भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान पर यह दूसरी बैठक है. एस्टोनिया और नॉर्वे ने इस तत्काल सत्र का अनुरोध किया है.
UN Security Council’s meeting on Afghanistan is scheduled for tomorrow at 10 am ET & United Nations Secretary-General will brief the Council. This is the second meeting on Afghanistan under India’s presidency at the council. Estonia & Norway have requested this urgent session.
— ANI (@ANI) August 15, 2021
इधर, मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. काबुल के कुछ हिस्सों में भी लड़ाके घुस आए हैं. टोलो न्यूज के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया है कि लूट और अराजकता को रोकने के लिए उनकी सेना काबुल के कुछ हिस्सों में दाखिल होंगी और उन चौकियों पर कब्जा लेगी जिन्हें सुरक्षाबलों ने खाली करा लिया है. उन्होंने लोगों से कहा है कि शहर में प्रवेश करने को लेकर वो घबराएं नहीं.
रॉयटर्स के मुताबिक तालाबिना के कमांडर ने बताया है कि हमने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है.
गनी और वरिष्ठ सहयोगियों ने छोड़ा देश
स्थानीय पत्रकार ने बताया कि समझौते का एक हिस्सा यह था कि गनी महल के अंदर सत्ता परिवर्तन समारोह में शामिल होंगे, लेकिन इसके बजाय उन्होंने और उनके वरिष्ठ सहयोगियों ने देश छोड़ दिया.
सहयोगियों ने कहा, महल के कर्मचारियों को कथित तौर पर छोड़ने के लिए कहा गया था और अब महल खाली हो गया है. तालिबान ने बाद में एक वैश्विक तार सेवा को बताया कि उन्होंने इसे अपने कब्जे में ले लिया है. हालांकि सरकारी अधिकारियों की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है.
दो दशक बाद फिर आया तालिबानी युग
तालिबान के दो अधिकारियों ने तार को बताया कि अफगानिस्तान में उनके प्रकाश व्यवस्था के बाद कोई संक्रमणकालीन सरकार नहीं होगी. तालिबान जो अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा उखाड़ फेंके जाने के बाद दो दशक बाद राजधानी में वापस आ गया है.
गनी के बारे में आंतरिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह ताजिकिस्तान के लिए रवाना हुए थे, जबकि विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उनका स्थान अज्ञात था और तालिबान ने कहा कि यह उनके ठिकाने की जांच कर रहा है.
कुछ स्थानीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उन्हें अराजकता में छोड़ने के लिए उन्हें कायर करार दिया.
तालिबानी लड़ाके काबुल पहुंचे
आंतरिक मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तार को बताया कि तालिबान लड़ाके हर तरफ से काबुल पहुंचे और शहर के चारों ओर छिटपुट गोलीबारी की कुछ खबरें आईं.
बीबीसी ने काबुल में एक अस्पताल चलाने वाले एक एनजीओ की रिपोर्ट में दावा किया है कि 40 से अधिक लोग उनके अस्पताल पहुंचे हैं. ज्यादातर काराबाग इलाके से आए हैं, जहां लड़ाई हो रही है.
ट्वीट, जिसे बीबीसी द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सकता, कहता है कि 22 लोगों का अस्पताल में इलाज किया गया है और अधिक मामूली चोटों वाले लोगों को अन्य सुविधाओं के लिए भेजा गया है.
काबुल के हवाईअड्डे पर गोलीबारी की खबर
अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी सुरक्षा अलर्ट के अनुसार, काबुल के हवाईअड्डे पर गोलीबारी की खबरें हैं. अधिकारियों ने क्षेत्र में अमेरिकी नागरिकों को शरण लेने का निर्देश दिया है, क्योंकि काबुल में सुरक्षा की स्थिति तेजी से बदल रही है. तालिबान ने अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात बैनर के तहत एक बयान जारी कर कहा कि समूह को अब काबुल में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है.
तालिबान काबुल में अफगान बलों द्वारा छोड़े गए क्षेत्रों को सुरक्षित करेगा
बयान में दावा किया गया है कि अफगान पुलिस और अन्य संबंधित संस्थानों ने अपने कर्तव्यों को छोड़ दिया और चोरी, लूटपाट और अपराध को रोकने के लिए, समूह की सेना को राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति दी गई है. बयान में कहा गया, तालिबान काबुल में अफगान बलों द्वारा छोड़े गए क्षेत्रों को सुरक्षित करेगा. इसने नागरिकों को आश्वस्त करने की मांग की कि बल न तो उनके घरों में प्रवेश करेंगे और न ही उन्हें परेशान करेंगे.
HIGHLIGHTS
- अफगानिस्तान में दो दशक बाद तालिबानियों की वापसी
- यूएनएससी में कल सुबह होगी बैठक
- अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने छोड़ा देश
Source : News Nation Bureau