बहुत अजीब बात है कि जिन संस्थाओं पर वैश्विक समीकरण संतुलित रखने और आतंकी देशों या संगठन के खिलाफ जनमत तैयार करने की जिम्मेदारी है, वही अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान राज के सामने कई कदम पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं. सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भारत (India) के नेतृत्व में अफगान मसले पर दिए गए बयान से तालिबान (Taliban) का नाम हटा दिया. अब उसकी है अंब्रेला संस्था संयुक्त राष्ट्र (UN) ने तालिबान के सामने झुकते हुए अपना समर्थन और सहयोग जारी रखने की बात कही है. यूएन की मानवीय मामलों की एजेंसी के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने काबुल के विदेश मंत्रालय में तालिबान के शीर्ष नेता मुल्ला बरादर से मुलाकात कर इस तरह का आश्वासन दिया है.
बगैर शर्त तालिबान की मदद को राजी यूएन
समाचार एजेंसी एएनआई से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मुलाकात के बाद संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों और आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स ने ट्वीट किया, 'मैंने अफगानिस्तान में लाखों जरूरतमंद लोगों को निष्पक्ष मानवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए तालिबान के नेतृत्व से मुलाकात की.' यह तब है जब उदार छवि पेश कर रहे तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कायम होने के बाद से शायद ही ऐसा कोई दिन गया हो, जब कोई दिल दहला देने वाली खबर नहीं आई हो. हालिया खबर यह है कि तालिबान ने एनआरएफ के नेता फहीम दश्ती की हत्या कर दी है. साथ ही अफगानिस्तान से सैकड़ों लोगों को दूसरे देशों में ले जाने का प्रयास कर रहे कम से कम चार निजी विमानों को उड़ान भरने से भी रोक दिया है. इसके बावजूद यूएन जैसी संस्था बगैर किसी शर्त तालिबान की मानवीय आधार पर मदद करने का आश्वासन दे रही है.
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रेड क्रॉस प्रमुख भी अफगानिस्तान के दौरे पर
सिर्फ मार्टिन ग्रिफिथ्स ही नहीं, बल्कि रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के प्रमुख पीटर मौरर भी अफगानिस्तान की 3 दिवसीय यात्रा पर हैं. रविवार को अफगानिस्तान पहुंचने के बाद पीटर ने चिकित्सा सुविधाओं और हिंसा के शिकार लोगों के लिए बनाए गए पुनर्वास केंद्रों का दौरा किया. जानकारी के मुताबिक वह इसके अलावा आईसीआरसी के कर्मचारियों से मुलाकात भी करेंगे. हालांकि रविवार को हक्कानी नेटवर्क के नेता अनस हक्कानी और खलील हक्कानी की तालिबान के नेता मुल्ला बरादर और मुल्ला याकूब के साथ झड़प की खबरें आई थीं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि हक्कानी गुट की ओर से चली गोली में बरादर घायल हो गया, जिसका इलाज पाकिस्तान में चल रहा है. बताते हैं कि हक्कानी नेटवर्क सरकार में रक्षा मंत्री समेत कई अहम पद मांग रहा है, जबकि तालिबान इतना कुछ देने को तैयार नहीं है. हालांकि अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं हो सकी है.
HIGHLIGHTS
- तालिबान पर नकेल कसने के बजाय झुक रही हैं शक्तिशाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं
- यूएनएससी के बाद अब मानवीय मामलों के प्रमुख ग्रिफिथ्स पहुंचे तालिबान के दरवाजे
- बगैर कोई शर्त रखे तालिबान राज को मानवीय मदद और सहयोग का आश्वासन