यूनेस्को की प्रेस की स्वतंत्रता पर जारी की गई रिपोर्ट को लेकर भारत में विवाद शुरू हो गया है। इस रिपोर्ट में देशों वाले अध्याय में यूनेस्को ने ‘भारत + कश्मीर ’ लिखा है जिस पर सवाल उठ रहे हैं।
गुरुवार को यूनेस्को ऑफिस में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यूनेस्को- इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट (आईएफजे) की रिपोर्ट जारी की गई।
लेकिन इस रिपोर्ट में भारत के आधिकारिक स्टैंज के खिलाफ जाकर भारत+कश्मीर लिखा गया है जिस पर अब ये पूछा जा रहा है कि क्या वैश्विक संस्था कश्मीर का भारत से अलग अस्तित्व मानती है।
इस संबंध में प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान ही सवाल पूछा गया कि इसमें कश्मीर को भारत के साथ विशेष रूप से क्यों लिखा गया है, क्या वे कश्मीर का अस्तित्व भारत से अलग मानते हैं? इस पर आईएफजे के दक्षिण एशिया समन्वयक उज्ज्वल आचार्य ने कहा, 'इस मुद्दे का किसी खास राजनीतिक हित से कोई लेना-देना नहीं है और कश्मीर को इस रूप में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि उसे दक्षिण एशिया के अस्थिर क्षेत्र में रखा गया है।'
उन्होंने कहा , ‘पिछले साल हमने छत्तीसगढ़, काबुल, श्रीलंका पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों को शामिल किया था।’
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आचार्य ने कहा कि इस संबंध में विरोध दर्ज कर लिया गया है और उसे संबंधित लोगों तक पहुंच दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले साल की रिपोर्ट में 5-6 संघर्ष जोन थे, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में अस्थिर थे और इस साल कश्मीर पर खास ध्यान है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में 97 बार इंटरनेट बंद किया गया। जो कुछ घंटों से लेकर 45 दिनों तक बंद रहा है। जिसमें भारत में 82 बार इंटरने बंद किया गया। जबकि पाकिस्तान में 12 बार।
पहले भी कई बार मैप पर कश्मीर और POK को गलत दर्शाने पर विवाद उत्पन्न हो चुका है।
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Source : News Nation Bureau