केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल दवे का गुरुवार को निधन हो गया। वह प्रख्यात पर्यावरणविद् थे जिन्होंने नर्मदा नदी संरक्षण सहित कई पर्यावरणीय परियोजनाओं को लेकर काम किया था। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों व नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
बीजेपी सरकार ने दवे के सम्मान में राष्ट्रीय शोक और देशभर में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाने की घोषणा की। दवे की जगह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन को पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
उन्हें सुबह नौ बजे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया। एम्स की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दवे को 'हृदय गति रुक जाने' की स्थिति में यहां लाया गया था।
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एम्स के बयान के मुताबिक, 'एम्स में हर संभव कदम तुरंत उठाए गए, लेकिन कुछ असर नहीं हुआ। उन्हें सुबह लगभग 9.45 बजे मृत घोषित कर दिया गया।'
मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले दवे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान छह जुलाई, 2016 को केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में शपथ ली थी।
उन्होंने नर्मदा नदी सहित कई संरक्षण परियोजनाओं के लिए काम किया था और नर्मदा नदी संरक्षण के लिए 'नर्मदा समग्र' की स्थापना की थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दवे के निधन पर शोक जताया। मोदी ने कहा कि उनकी दवे से बुधवार शाम को ही मुलाकात हुई थी।
Absolutely shocked by the sudden demise of my friend & a very respected colleague, Environment Minister Anil Madhav Dave ji. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 18, 2017
मोदी ने ट्वीट कर शोक संदेश में कहा, 'मेरे दोस्त और एक विशेष सम्मानित सहयोगी दवे जी के निधन की खबर सुनकर सकते में हूं।' मोदी ने कहा, 'उन्हें एक समर्पित जनसेवक के तौर पर याद रखा जाएगा। वह पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूरी तरह से जुनूनी थे।'
मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं बुधवार देर शाम तक अनिल माधव दवे जी के साथ था और उनके साथ कई नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका निधन व्यक्तिगत क्षति है।'
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उस बैठक में हिस्सा लेने वाले एक शख्स ने बताया कि दवे कमजोर दिख रहे थे, लेकिन वह पूरी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री के साथ बैठे रहे। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि पर्यावरण मंत्री के रूप में दवे का कार्यकाल शानदार रहा। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतरीन प्रयास किए।
बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू सहित पार्टी के कई नेताओं ने दवे के निधन पर शोक जताया। उन्होंने दवे को प्रतिबद्ध पर्यावरणविद् बताया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि दवे को उनके विनम्र व्यक्तित्व की वजह से याद रखा जाएगा।
पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि दवे की तबीयत जनवरी 2017 से ही ठीक नहीं थी। उन्हें न्यूमोनिया हुआ था और वह पिछले कुछ सप्ताह से काफी कमजोर हो गए थे।
कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय दवे 2009 से राज्यसभा सांसद थे। वह इंदौर में गुजराती कॉलेज से कॉमर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। उनके पिता दाबासाहेब दवे लंबे समय से आरएसएस कार्यकर्ता थे।
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Source : IANS