संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर पहुंचे. इस दौरान एंटोनिया गुटेरेस ने कहा कि पेरिस समझौते के लागू होने के तीन साल बाद जलवायु परिवर्तन संयुक्त राष्ट्र में इस समय का ज्वलंत मुद्दा है. समुद्र के बढ़ रहे जलस्तर की वजह से इन छोटे देशों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में गुटेरेस का यह न्यूजीलैंड का पहला दौरा है. इससे पहले वह संयुक्त राष्ट्र शरणार्थियों के उच्चायुक्त के रूप में देश का दौरा कर चुके हैं. प्रधानमंत्री जसिंडा अर्डर्न के दिन में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख से मुलाकात की उम्मीद है.
जलवायु परिवर्तन पर हम लड़ाई हार रहे हैं
गुटेरेस ने दौरा करने से पहले पिछले सप्ताह संवाददाताओं से कहा था, 'हम लोग यह लड़ाई हार रहे हैं. जलवायु परिवर्तन हमारी कोशिशों से ज्यादा तेजी से हो रहा है, अगर हमने यह चलन नहीं बदला तो यह पूरी दुनिया के लिए दुख भरी घटना साबित होगी.'
बता दें कि इस साल सितंबर में न्यूयार्क में जलवायु शिखर सम्मेलन होगा. यह शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन को रोकने केलिए आखिरी मौके के रूप में देखा जा रहा है.
गुटेरेस न्यूजीलैंड की यात्रा के दौरान ऑकलैंड व क्राइस्टचर्च का दौरा करेंगे. इसके साथ ही वह ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में सोमवार को मुख्य भाषण देंगे.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का यह दौरा प्रशांत क्षेत्र में उनके दौरे का पहला चरण है, जिसमें वह जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में प्रभाव को देखेंगे.
30 वर्षो में देश की योजना को रेखांकित करता
न्यूजीलैंड सरकार ने बुधवार को संसद को शून्य कार्बन विधेयक प्रस्तुत किया, जो जलवायु परिवर्तन पर अगले 30 वर्षो में देश की योजना को रेखांकित करता है. इसका उद्देश्य 2050 तक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन शून्य करना है.
उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र वह मंच है, जहां हम अपने समक्ष आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर सामूहिक रूप से ध्यान देते हैं. इसमें जलवायु परिवर्तन व अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा शामिल हैं.'
(इनपुट IANS के साथ)
HIGHLIGHTS
- न्यूजीलैंड के दौरे पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के महासचिव
- जलवायु परिवर्तन पर गुटेरेस ने जताई चिंता
- बुधवार को संसद को शून्य कार्बन विधेयक पेश
Source : News Nation Bureau