संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कार्यालय के प्रमुख के अनुसार इस साल की पहली तिमाही में जालसाजी करने वाली (फिशिंग) वेबसाइटों में 350 प्रतिशत वृद्धि देखी गई. इनमें से ज्यादातर ने अस्पतालों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों को निशाना बनाया तथा कोविड-19 वैश्विक महामारी की दिशा में उनके काम को बाधित किया है.
अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बृहस्पतिवार को बताया कि जालसाजी करने वाली इन साइटों में बढ़ोतरी हाल के महीनों में साइबर अपराधों में हुई जबरदस्त वृद्धि का हिस्सा है जिसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र में पिछले महीने आयोजित पहले आतंकवाद रोधी सप्ताह के दौरान डिजिटल कार्यक्रमों में वक्ताओं ने दी थी. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक विशेषज्ञ अब भी वैश्विक शांति और सुरक्षा तथा खासकर संगठित अपराध एवं आतंकवाद पर वैश्विक महामारी के परिणामों और असर को पूरी तरह समझ नहीं रहे हैं. वोरोनकोव ने कहा कि हम जानते हैं कि आतंकवादी डर, नफरत और विभाजन को फैलाने तथा अपने नये समर्थकों को कट्टर बनाने एवं नियुक्त करने के लिए कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुईं आर्थिक मुश्किलों एवं व्यावधान का फायदा उठा रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान इंटरनेट उपयोग और साइबर अपराध में हुई वृद्धि इस समस्या को और बढ़ाती है. हफ्ते भर चली बैठक में 134 देशों, 88 नागरिक समाज एवं निजी क्षेत्र के संगठनों, 47 अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों और 40 संयुक्त राष्ट्र निकायों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. चर्चा में आतंकवादी नशीली दवाओं, सामानों, प्राकृतिक संसाधनों एवं प्राचीन वस्तुओं की तस्करी एवं अपहरण, वसूली और अन्य जघन्य अपराधों के खिलाफ साझा समझदारी एवं चिंता दिखी. व्लादिमीर वोरोनकोवने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सदस्य राष्ट्र कोविड-19 के कारण पैदा हुई स्वास्थ्य आपदा और मानव संकट से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. लेकिन उन्होंने अपील की है कि वे आतंकवाद के खतरे को भी न भूलें।
Source : Bhasha/News Nation Bureau