संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शुक्रवार को संकल्प लिया कि संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करने और म्यांमार (Myanmar) में हुए सैन्य तख्तापलट के कदमों को वापस लिये जाने का दबाव बनाने वाली परिस्थितियां पैदा करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकतंत्र की बहाली की सुरक्षा परिषद की अपील का क्रियान्वयन नवंबर में हुए संसदीय चुनाव के परिणाम का सम्मान करना और सेना द्वारा हिरासत में रखे गए सभी लोगों को रिहा करना यानी तख्तापलट के कदम को वापस लेना अत्यंत आवश्यक है. गुतारेस ने कहा कि हमें यह संभव बनाने के लिए हर प्रकार का दबाव बनाना चाहिए. इस बीच सैन्य शासकों ने सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगा दी है.
बीते सोमवार को अल सुबह हुआ तख्तापलट
म्यांमार की सेना ने सोमवार को घोषणा की थी कि वह एक साल के लिए सत्ता की कमान अपने हाथ में ले रही है. उसने देश की शीर्ष नेता आंग सान सू ची की सरकार पर नवंबर में हुए चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों की जांच नहीं करने का आरोप लगाया. इन चुनाव में सू ची की पार्टी ने जीत हासिल की थी. उसने सू ची, अन्य सांसदों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को हिरासत में ले लिया है. गुतारेस ने बताया कि म्यांमार के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत क्रिस्टीन श्रानेर बर्गनर ने तख्तापलट के बाद शुक्रवार को पहली बार सेना से संपर्क किया और इस घटनाक्रम के प्रति संयुक्त राष्ट्र का कड़ा विरोध व्यक्त किया.
ट्विटर और इंस्टाग्राम पर पाबंदी
म्यांमार के प्रभारी सैन्य अधिकारियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में हुए तख्तापलट के बाद सोशल मीडिया पर पाबंदी का दायरा बढ़ाते हुए ट्विटर और इंस्ट्राग्राम के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. इस बीच देश के सबसे बड़े शहर यंगून में लोगों ने बरतन और प्लास्टिक बोतलें बजाकर सैन्य तख्तापलट के प्रति विरोध जताया. सैन्य सरकार ने शुक्रवार को फेसबुक और अन्य एप पर पाबंदी लगाने के अलावा संचार ऑपरेटरों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ट्विटर और इंस्टाग्राम के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है. एक बयान में कहा गया है कि कुछ लोग फर्जी खबरें फैलाने के लिये इन दोनों प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
फेसबुक पर पैनी नजर
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के बाधित होने और उन्हें बंद किये जाने पर नजर रखने वाले 'नेटब्लॉक्स' ने इस बात की पुष्टि की है कि रात दस बजे से ट्विटर सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इंस्टाग्राम पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है. म्यांमार में काम कर रही नॉर्वे की दूरसंचार कंपनी 'टेलीनॉर' ने कहा है कि उसने आदेश का पालन किया है, लेकिन साथ ही 'निर्देश की आवश्यकता' पर सवाल भी उठाए हैं. म्यांमार में सरकारी मीडिया और देश में समाचार तथा सूचना का मुख्य स्रोत बन चुके फेसबुक पर पैनी नजर रखी जा रही है. फेसबुक का इस्तेमाल प्रदर्शन आयोजित करने के लिये भी किया जाता रहा है.
Source : News Nation Bureau