अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु संधि कार्यक्रम को रद्द करने की धमकी दी है। ट्रंप ने ईरान परमाणु संधि को खारिज करते हुए कांग्रेस के पास भेज दिया है।
अमेरिका के इस फैसले का रूस समेत कई मित्र देशों ने विरोध किया है।
फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी ने अमेरिका से कहा है कि वह ऐसे डील को एकतरफा ख़त्म नहीं कर सकता है। जबकि रूस ने अमेरिका के इस ऐलान को 'आक्रामक और धमकीपूर्ण बयानबाजी' वाला बताया है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी ट्रंप के फैसले की आलोचना की है और कहा है कि इस फैसले पर अमेरिका अकेला पड़ गया है। हालांकि खाड़ी देश और इज़रायल ने अमेरिका के फैसले का समर्थन किया है।
शुक्रवार को व्हाइट हाउस में बयान के दौरान ईरान न्यूक्लियर अग्रीमेंट को मान्यता देने से इंकार कर दिया था।
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ट्रंप ने ईरान को 'धर्म आधारित शासक देश' बताते हुए वैश्विक स्तर पर आतंक और हिंसा फैलाने का दोषी बताया है। इसके साथ ही ट्रंप ने परमाणु समझौते को तोड़ने की भी धमकी दी और साथ ही इस समझौते को कांग्रेस के पाले में डाल दिया है।
ईरान परमाणु संधि के प्रावधानों के तह्त अमेरिकी राष्ट्रपति हर 90 दिन पर कांग्रेस को यह प्रमाणित करते हैं कि ईरान समझौते का पालन कर रहा है या नहीं।
अब ट्रंप के इस फैसले को नामंजूर करने के बाद कांग्रेस को 60 दिन के अंदर यह तय करना है कि परमाणु समझौते से अलग होकर ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाएं या नहीं।
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Source : News Nation Bureau