Israel Hamas War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सोमवार (25 मार्च) को गाजा में युद्धविराम को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ. हालांकि इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने मतदान नहीं किया. लेकिन इसके पक्ष में 14 वोट पड़े हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस प्रस्ताव को अवश्य लागू किया जाना चाहिए. एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा में "तत्काल युद्धविराम" और इज़राइल पर 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी नागिरकों को "बिना शर्त" रिहाई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए और इसे लागू करने में कोई भी गिरावट "अक्षम्य" होगी.
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि, "सुरक्षा परिषद ने गाजा पर एक लंबे समय से प्रतीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग की गई है. इस प्रस्ताव को लागू किया जाना चाहिए. इसकी विफलता अक्षम्य होगी."
इन देशों ने रखा युद्धविराम का प्रस्ताव
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मसौदा प्रस्ताव को अल्जीरिया, गुयाना, इक्वाडोर, जापान, माल्टा, मोजाम्बिक, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड सहित अंतर्राष्ट्रीय मंच के 12 गैर-स्थायी सदस्यों द्वारा आगे रखा गया था. युद्धविराम की मांग करने वाला मसौदा प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में मोजाम्बिक के राजदूत पेड्रो कोमिसारियो अफोंसो द्वारा पेश किया गया था. उन्होंने कहा कि, "हम इस मसौदा प्रस्ताव पर और गाजा पट्टी में विनाशकारी स्थिति को समाप्त करने के लिए इस परिषद के सभी सदस्यों के प्रयासों और इनपुट के लिए गहरी सराहना व्यक्त करते हैं."
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उन्होंने कहा, "गाजा की स्थिति पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है; वास्तव में, गाजा पट्टी में संघर्ष का बढ़ना और इसके विनाशकारी परिणाम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक स्पष्ट खतरा हैं." मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि स्थायी सदस्यों रूस और चीन द्वारा बिना शर्त, तत्काल युद्धविराम का आग्रह नहीं करने के लिए शुक्रवार को अमेरिकी मसौदा प्रस्ताव को वीटो करने के बाद यह प्रस्ताव पारित किया गया था और निकाय के गैर-स्थायी देशों द्वारा तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए प्रस्ताव फिर से पेश किया गया था.
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वोटिंग से नदारद रहा अमेरिका
वहीं इजरायल के सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज किया. जबकि अमेरिका हर बार इस मामले में वीटो करता था, लेकिन इस बार वह वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा. बता दें कि यूएनएससी में 'घर्षविराम' के प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया. अमेरिका के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 14 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया.