नेपाल में आमतौर पर बड़े देश के कूटनीतिज्ञ विवादों में ही घिरे रहते हैं. कभी अपने बयानों को लेकर या कभी अपने राजनीतिक मुलाकातों को लेकर. लेकिन नेपाल में इस समय अमेरिका के राजदूत अपने अब तक के कार्यकाल के दौरान ना तो कभी अपने बयान को लेकर विवादों में रहे ना कभी राजनीतिक मुलाकात को लेकर विवादों में घिरे. वो अक्सर अपनी छोटी-छोटी मगर महत्वपूर्ण संदेश को लेकर चर्चा का विषय बने रहते हैं. नेपाल में रहे अमेरिकी राजदूत रैण्डी बेरी ने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से ही वो नेपाल में मनाए जाने वाले हर एक पर्व पर सिर्फ शुभकामना संदेश देकर महज औपचारिकता पूरा नहीं करते बल्कि उन पर्व त्योहारों को वो खुद सेलिब्रेट करते हैं वो भी दूतावास में अपने सभी कर्मचारियों के साथ. उन क्षणों को वो ट्विटर और फेसबुक पर शेयर भी करते हैं, इस कारण से उनका यह अंदाज आम नेपाली नागरिकों को बहुत भाता है.
नेपाल में बीते महीने दशहरा, दीवाली, छठ पूजा की धूम रही और पूरा देश इस समय त्योहारमय हो जाता है. सभी अपने घर परिवार के साथ श्रद्धा भक्ति पूर्वक इन त्यौहारों को मनाते हैं. स्वभाव से हिन्दू राष्ट्र होने के कारण नेपाल में चारों ओर उल्लास और उमंग का माहौल बना हुआ है. लेकिन कोई विदेशी जब हमारे पर्व त्योहार को मनाता है तो निश्चित ही हमारी नजर में ऐसे व्यक्ति का विशेष सम्मान और स्थान बन जाता है.
नेपाल के लिए अमेरिकी राजदूत बैरी नेपाल के हर पर्व त्यौहार को बड़े दिल से मनाते हैं और अपनी खुशियों को सोशल मीडिया में शेयर करते हैं. दशहरा के अवसर पर वो आम नेपाली नागरिक की तरह टीका ग्रहण करते हैं तो दीवाली में अपने दूतावास और आवास को रंगोली से सजाते हैं, शाम को दीया जलाते हैं. भैया दूज भी मनाते हैं और नेपाल की प्रसिद्ध कुमारी पूजा में भी सहभागी होते हैं.
इस बार अमेरिकी राजदूत रैण्डी बैरी ने जनकपुर जाकर छठ घाट पर पूजा भी की. हाथ में छठ व्रतियों की तरह सूप और डगरी लेकर उसमें फल और मिठाई रख कर सूर्य को अर्घ्य भी दिया. अभी अमेरिकी राजदूत नेपाल के बहुत ही रमणीय पर्यटक स्थल रारा ताल पर है. जिसके बारे में अधिकांश विदेशी सैलानी को पता नहीं है. रारा ताल में पर्यटन की संभावना को देखते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलियन राजदूत के साथ भ्रमण किया.
HIGHLIGHTS
- नेपाल के लिए अमेरिकी राजदूत बैरी नेपाल के हर पर्व त्यौहार को बड़े दिल से मनाते हैं
- इस बार अमेरिकी राजदूत ने जनकपुर जाकर छठ घाट पर पूजा भी की
Source : Punit K Pushkar