अमेरिकी संसद ने हांगकांग (Hong Kong) में सख्त ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ (National Security Law) कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच चीन के कदम को लेकर उस पर प्रतिबंध (Penalising) लगाने वाला एक विधेयक पारित कर दिया है. चीन ने हांगकांग में अलगाववादी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने के लिए विवादित कानून को लागू कर दिया है. लोगों को आशंका है कि इस कानून का इस्तेमाल इस अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र में विरोध की आवाजों को दबाने के लिए किया जा सकता है.
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कई स्तरों पर हो सकेगी कार्रवाई
अमेरिका के इस विधेयक के तहत हांगकांग में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों समेत उन समूहों पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जो हांगकांग की स्वायत्ता और उसके निवासियों की आजादी को कमतर करने की कोशिश करेंगे. साथ ही इस नए सुरक्षा कानून को लागू करने वाली चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
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बैंकों पर भी प्रतिबंध लगा सकेगा अमेरिका
इस विधेयक में कानून का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के साथ कारोबार करते पाए जाने वाले बैंकों पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है. सीनेट ने बृहस्पतिवार को इस विधेयक को अंतिम मंजूरी दे दी. इससे एक दिन पहले प्रतिनिधि सभा ने इसे मंजूरी दी थी और अब यह विधेयक व्हाइट हाउस के पास जाएगा. सीनेट में मतदान के मद्देनजर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि विदेशी ताकतों का कोई भी दबाव ‘चीन के संकल्प और राष्ट्रीय संप्रभुत्ता तथा हांगकांग की समृद्धि एवं स्थिरता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को हिला नहीं सकता.’
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चीन ने दी जवाबी कार्रवाई की धमकी
उन्होंने अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप न करने तथा प्रतिबंध वाले विधेयक पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध किया. झाओ ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अगर यह विधेयक कानून बनता है तो चीन निश्चित तौर पर जवाबी कदम उठाएगा और इसके सभी परिणाम अमेरिका को भुगतने होंगे.’ व्हाइट हाउस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन बृहस्पतिवार को टेलीविजन पर दिए साक्षात्कार में देश में उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने हांगकांग के नए सुरक्षा कानून को चीन के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया.