अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के नतीजों के इंतजार के बीच डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन की टीम ने व्हाइट हाउस के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. अमेरिका के विभिन्न राज्यों में अभी मतगणना जारी है, लेकिन लंबे समय से बाइडेन के करीबी टेड कौफमैन बाइडेन की जीत की सूरत में सरकार गठन की कवायद में जुट गए हैं. डेलावर से पूर्व सीनेटर कौफमैन बाइडेन के उप राष्ट्रपति बनने के बाद इस सीट से सीनेटर बने थे. वह 2008 में ओबामा सरकार का गठन करने वाली टीम का भी हिस्सा थे.
बाइडेन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनने के कुछ ही समय बाद अप्रैल में पहली बार कौफमैन से ऐसी सूरत में सत्ता के हस्तांतरण पर काम शुरू करने के लिए कहा था. अमेरिका में सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से तब शुरू होती है जब सामान्य सेवा प्रशासन सभी उपलब्ध तथ्यों के आधार पर विजेता के नाम की घोषणा कर देता है.
जीत को आश्वस्त, बाइडेन-हैरिस ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना शुरू किया
अमेरिकी चुनाव में जीत को आश्वस्त राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति पद की प्रत्याशी सीनेटर कमला हैरिस ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर तवज्जो देने का काम शुरू कर दिया है. ये दोनों क्षेत्र कोविड-19 महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं.
ताजे अनुमान के मुताबिक, बाइडेन 538 में से 264 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल कर चुके हैं और उन्हें जीत हासिल करने के लिए महज छह इलेक्टोरल कॉलेज वोट ही और चाहिए. अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट की जरूरत होती है.
उन्होंने शुक्रवार रात डेलावेयर के विल्मिंगटन में अपने प्रचार अभियान के मुख्यालय से देश के नाम संबोधन में कहा कि तिम परिणाम का इंतजार करते हुए, मैं चाहता हूं कि लोग जानें कि हम काम करने के लिए इंतजार नहीं कर रहे हैं. 77 वर्षीय पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हर कोई जाने कि पहले दिन से हम इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए अपनी योजना लागू करने जा रहे हैं. इससे जान गंवा चुके लोगों को नहीं लौटाया जा सकता, लेकिन आने वाले महीनों में बहुत सी जिंदगियों को बचाया जा सकेगा.
एक दिन पहले बाइडेन और हैरिस ने सार्वजनिक स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञों के एक समूह के साथ बैठक की थी. बाइडेन ने कहा कि सीनेटर हैरिस और मैंने कल जाना कि महामारी को नियंत्रित करने में नाकामी की वजह से कैसे हमारी अर्थव्यवस्था के उबरने की रफ्तार सुस्त है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हैं. लाखों लोग किराया देने और खाने के लिए फिक्रमंद हैं. अर्थव्यवस्था को लेकर हमारी योजना, इसे मजबूती से उभारने पर तवज्जो देगी.
Source : Bhasha/News Nation Bureau