काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले के बाद से खतरा और बढ़ गया है. अमेरिका ने काबुल में फंसे अपने नागरिकों के लिए नई एडवायजरी जारी की है. अमेरिकी दूतावास ने सुरक्षा कारणों से अपने नागरिकों को तुरंत एयरपोर्ट के गेट से निकलने को कहा है. दरअसल, काबुल में गुरुवार को चार धमाके हुए थे. इनमें 103 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 143 लोग जख्मी हुए हैं. ये धमाके गुरुवार शाम भीड़भाड़ वाले काबुल हवाई अड्डे के बाहर हुए. मारे गए लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक शामिल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी ISIS- खुरासान ने ली है. खुरासन तालिबान और अमेरिका की बातचीत के खिलाफ रहा है.
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अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट की यात्रा से बचने को कहा है। साथ ही कहा है कि जो लोग अबे, ईस्ट, नॉर्थ और मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर गेटों पर हैं, उन्हें तुरंत वहां से निकलना चाहिए. उन्हें निर्देशों का पालन करने को कहा गया है. इससे पहले गुरुवार को भी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन द्वारा अपने नागरिकों के लिए एक अलर्ट जारी किया गया था. इन्होंने अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट से दूर रहने को कहा था और शक जताया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हो सकता है. अलर्ट में साफ कहा गया था कि आतंकियों द्वारा एयरपोर्ट पर भीड़ वाले इलाके को निशाना बनाया जा सकता है, ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन को किसी भी तरह रोका जा सके.
मगर यह ताजा चेतावनी ऐसे वक्त में है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सुरक्षा टीम ने चेताया है कि काबुल में एक और आतंकी हमला हो सकता है. अमेरिकी प्रेसीडेंट को बताया गया है कि काबुल में एक और आतंकी हमला होने की आशंका है और इस वजह से अफगानिस्तान की राजधानी में एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी और बढ़ाई जा रही है.
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पेंटागन ने कहा- खतरों की कर रहे निगरानी
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से जिस तरह के इनपुट मिले हैं उससे साफ है कि काबुल हवाई अड्डे पर कभी भी आतंकी हमला हो सकता है. हम निश्चित रूप से इन खतरों के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हम इन खतरों की निगरानी कर रहे हैं. खतरों को देखते हुए अमेरिकी सेना को अलर्ट कर दिया गया है. मंगलवार तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सेना को वापस बुलाने की राष्ट्रपति जो बाइडन की समय सीमा से पहले और हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.