यूक्रेन मसले पर भारत लगातार चुप्पी साधे हुए है. वहीं अमेरिका चाहता है कि भारत उसके पक्ष में बोले. अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा, "भारत हमारा मित्र है, साझेदार है और हम आपसी हितों को साझा करते हैं. हम इस युद्ध में दांव पर लगे बुनियादी सिद्धातों को लेकर भी एकमत हैं." उन्होंने कहा," हमने वैश्विक खाद्य सुरक्षा, वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के क्षेत्र में आपसी सहयोग को मजबूती देने के तरीकों के बारे में विस्तार से चर्चा की है. हमने साथ ही इस विषय पर भी चर्चा की है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की क्रूरता हम सभी को प्रभावित कर रही है." उक्त अधिकारी भारत के रूख से जुड़े संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा कि रूस की कार्रवाई का भू-राजनीतिक परिणाम सामने आ रहा है. उन्होंने भारत के मसले पर कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि भारत जहां तक संभव हो सके समर्थन करेगा. हालांकि, अमेरिका की यह उम्मीद कितनी सही साबित होती है, इसका पता गुरुवार को ही लग जाएगा, जब संयुक्त राष्ट्र आम सभा बैठक में रूस को मानवाधिकार परिषद से हटाये जाने के अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान होगा.
इससे पहले भारत अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से रूस के मामले में संयुक्त राष्ट्र में हुई हर मतदान से गैरहाजिर रहा है. रूस के मामले में भारत हमेशा से तटस्थ रुख अपनाता आया है. ऐसा पहली बार भारत ने सोमवार को कड़े शब्दों में यूक्रेन के बूचा शहर में हुए नरसंहार की निंदा की और स्वतंत्र जांच की मांग की.
HIGHLIGHTS
- कहा, हम इस युद्ध में दांव पर लगे बुनियादी सिद्धातों को लेकर भी एकमत हैं
- अमेरिका को उम्मीद है कि भारत जहां तक संभव हो सके समर्थन करेगा