भारत की एनएसजी की राह में रोड़ा लगाने वाले चीन का अमेरिका पर खुलकर विरोध करने के एक दिन बाद अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने मंगलवार को यह विश्वास जताया कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार चीनी अवरोध को दूर करने में कामयाब होगी।
रिचर्ड वर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति बराक ओबामा, विदेश मंत्री जॉन कैरी और कई अन्य लोगों ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता दिलाने की दिशा में काम किया है और अमेरिका आगे भी इस पर काम करता रहेगा।
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इसके पहले सोमवार को चीन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है उन्हें एनएसजी में प्रवेश के लिए 'विदाई उपहार' के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता। वहीं ओबामा प्रशासन ने एनएसजी में भारत की एंट्री रोके जाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था। जिस पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी ।
वर्मा ने कहा, 'हम आगे भी इस पर साथ काम करते रहेंगे। भारत की सदस्यता के लिए भरपूर समर्थन है क्योंकि हमने कहा था कि हम एनएसजी में भारत के प्रवेश का पुरजोर समर्थन करते हैं'। आगे उन्होंने कहा,'चीजें थोड़ी जटिल हैं, इन्हें समय लगता है। हमें चीन समेत उन सभी देशों के साथ काम करते रहना होगा जिनकी कुछ चिंताएं हो सकती हैं। लेकिन मेरा मानना है कि आखिर में सफल होंगे'।
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चीन ने साल 2016 जून में दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में एनएसजी सदस्य देशों की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमे भारत को एनएसजी में सदस्यता मिलने की उम्मीद थी क्योंकि अमेरिका सहित सभी बड़े देश एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर भारत के पक्ष में थे लेकिन चीन ने एनपीटी पर भारत के हस्ताक्षर नही करने पर सवाल खड़ा करते हुए, भारत की कोशिशों पर पानी फेर दिया था।
Source : News Nation Bureau