F-35 एक अंतरराष्ट्रीय संयुक्त स्ट्राइक फाइटर (JSF) कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ था. जिस पर अब अमेरिकी सेना को भरोसा नहीं रहा है. वायुसेना अपने स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 से पीछा छुड़ाना चाहती है. अमेरिकी वायुसेना का मानना है कि उन्हे सस्ते और हल्के फाइटर जेट की जरुरत है. क्योंकि F-35 वजन तगरीबन 25 टन के आसपास है.. खुद अमेरिकी एयरफोर्स के प्रमुख चार्ल्स ब्राउन जूनियर ने कहा कि हमें शीत युद्ध के जमाने के विमानों को बदलने की जरुरत है.. हल्के फाइटर विमान जटिल तकनीकी वाले महंगे और गैर विश्वसनीय स्टील्थ लड़ाकू विमानों की जगह भी ले सकेंगे. पिछले कई साल से दुनिया के अलग-अलग रक्षा विशेषज्ञ अमेरिका के F-35 और F-22 लड़ाकू विमान की विश्वसनीयता पर संदेह जता चुके हैं..
अमेरिकी एयरफोर्स का एफ-35 लड़ाकू विमान का वजन लगभग 25 टन के आसपास है.. इस प्लेन को बनाने का कार्यक्रम अमेरिकी एयरफोर्स की पुराने पड़ते एफ-16 के सैकड़ों विमानों को रिप्लेस करने के लिए शुरू किया गया था.. लेकिन, यह लड़ाकू विमान जो एयरफोर्स की समस्या का हल होना चाहिए था वह खुद ही एक समस्या बन गया.. एयरफोर्स के अधिकारियों ने कहा कि अब अमेरिका को एफ-35 समस्या को हल करने के लिए एक नए लड़ाकू विमान की आवश्यकता है. इंजन सहित एक एफ-35 लड़ाकू विमान की कीमत करीब 100 मिलियन डॉलर है. भारतीय रुपये में यह कीमत करीब 724 करोड़ के आसपास आएगी. यह दाम केवल अमेरिकी वायुसेना के लिए है. अगर कोई दूसरा देश इसे खरीदने की कोशिश करता है तो इसमें लगे कई हॉइटेक फीचर बदल दिये जाएंगे..
इतना महंगा होने के कारण एफ-35 लड़ाकू विमानों का मेंटिनेंस या रखरखाव भी काफी महंगा है. इसमें कई ऐसे हाईटेक उपकरण लगे हैं, जिन्हें एक निश्चित उड़ान के घंटों के बाद बदलने की जरूरत होती है.. जिसके कारण एयरफोर्स का अधिकांश बजट इसके मेंटिनेंस में ही खर्च हो रहा है. वायु सेना के एक पूर्व प्रोग्राम मैनेजर और द सिंपलिसिटी साइकिल सहित लोकप्रिय बिजनेस बुक्स लिखने वाले डैन वार्ड ने कहा कि एफ- 35 कम लागत वाला हल्का लड़ाकू नहीं है. F-35 एक फेरारी है
HIGHLIGHTS
- अमेरिकी वायुसेना अपने स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 से पीछा छुड़ाना चाहती है
- वायुसेना ने हल्के फाइटर जेट की डिमांड की
- एफ-35 लड़ाकू विमान का वजन लगभग 25 टन के आसपास है
Source : News Nation Bureau