प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा अब भी वैश्विक पटल पर चर्चा का विषय बनी हुई है. शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि भारत-रूस के साथ अपने सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा कर रहा है, इसका हमारे फिलहाल कोई ठोस सबूत नहीं है. ऐसा कुछ पुख्ता नहीं है कि भविष्य में आने वाले संकंटों में रूस भारत का विश्वसनीय दोस्त बना रहे. बता दें. पीएम मोदी के रूस दौरे से अमेरिकी नेता चिंतित हो गए थे. जब पीएम मोदी और पुतिन ने गले मिले थे तब यूक्रेन ने कहा था कि इससे शांति प्रयासों को चोट पहुंची है.
जैक सुलिवन अमेरिका के कोलाराडो में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के रूस दौरे के दौरान मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा कि उनके संबंध गहरे हो रहे हैं. मैंने यात्रा के दौरान कोई खास घोषणा भी नहीं देखी. पीएम मोदी और पुतिन के गले मिलने के सवाल पर सुलिवन ने कहा कि वैश्विक नेताओं का अभिवादन करने का पीएम मोदी का खास तरीका है. मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से बहुत करीब से देखा है.
भारत-रूस संबंधों पर पहले भी टिप्पणी कर चुके सुलिवन
सुलिवन ने इससे पहले कहा था कि रूस को दीर्घकालिक और विश्वसनीय साझेदार मानना भारत के लिए अच्छा नहीं है. अगर कभी चीन और भारत को चुनने की बारी आई तो रूस नई दिल्ली की बजाए बीजिंग को चुनेगा. सुलिवन ने कहा था कि रूस चीन का करीबी बनता जा रहा है. चीन असल में रूस का जूनियर पार्टनर बन रहा है. रूस कभी भी भारत की बजाए चीन का पक्ष ले सकता है. हालांकि, सुलिवन ने स्वीकार किया था कि रूस और भारत के रिश्ते बहुत पुराने और एतिहासिक हैं. ऐसा तुरंत नहीं हो सकता. यह बहुत लंबी प्रक्रिया है.
भारत के पास युद्ध रुकवाने की क्षमता
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरीन जीन पियरे ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि हमें लगता है कि रूस के साथ भारत के संबंध बहुत घनिष्ठ हैं. भारत के पास रूस को युद्ध रोकने के लिए मनाने की क्षमता है. भारत चाहे तो यह यूक्रेन के साथ जारी युद्ध रुकवा सकता है.
Source : News Nation Bureau
US: पीएम मोदी की रूस यात्रा वैश्विक पटल पर अब भी चर्चा का विषय, अमेरिकी NSA ने की भारत-रूस संबंधों पर टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि भारत-रूस के सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों में कोई ठोस बदलाव नहीं देखा गया. उन्होंने पीएम मोदी और पुतिन के गले मिलने को अभिवादन का खास तरीका बताया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा अब भी वैश्विक पटल पर चर्चा का विषय बनी हुई है. शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि भारत-रूस के साथ अपने सैन्य और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा कर रहा है, इसका हमारे फिलहाल कोई ठोस सबूत नहीं है. ऐसा कुछ पुख्ता नहीं है कि भविष्य में आने वाले संकंटों में रूस भारत का विश्वसनीय दोस्त बना रहे. बता दें. पीएम मोदी के रूस दौरे से अमेरिकी नेता चिंतित हो गए थे. जब पीएम मोदी और पुतिन ने गले मिले थे तब यूक्रेन ने कहा था कि इससे शांति प्रयासों को चोट पहुंची है.
जैक सुलिवन अमेरिका के कोलाराडो में एस्पेन सिक्योरिटी फोरम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के रूस दौरे के दौरान मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा कि उनके संबंध गहरे हो रहे हैं. मैंने यात्रा के दौरान कोई खास घोषणा भी नहीं देखी. पीएम मोदी और पुतिन के गले मिलने के सवाल पर सुलिवन ने कहा कि वैश्विक नेताओं का अभिवादन करने का पीएम मोदी का खास तरीका है. मैंने इसे व्यक्तिगत रूप से बहुत करीब से देखा है.
भारत-रूस संबंधों पर पहले भी टिप्पणी कर चुके सुलिवन
सुलिवन ने इससे पहले कहा था कि रूस को दीर्घकालिक और विश्वसनीय साझेदार मानना भारत के लिए अच्छा नहीं है. अगर कभी चीन और भारत को चुनने की बारी आई तो रूस नई दिल्ली की बजाए बीजिंग को चुनेगा. सुलिवन ने कहा था कि रूस चीन का करीबी बनता जा रहा है. चीन असल में रूस का जूनियर पार्टनर बन रहा है. रूस कभी भी भारत की बजाए चीन का पक्ष ले सकता है. हालांकि, सुलिवन ने स्वीकार किया था कि रूस और भारत के रिश्ते बहुत पुराने और एतिहासिक हैं. ऐसा तुरंत नहीं हो सकता. यह बहुत लंबी प्रक्रिया है.
भारत के पास युद्ध रुकवाने की क्षमता
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरीन जीन पियरे ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि हमें लगता है कि रूस के साथ भारत के संबंध बहुत घनिष्ठ हैं. भारत के पास रूस को युद्ध रोकने के लिए मनाने की क्षमता है. भारत चाहे तो यह यूक्रेन के साथ जारी युद्ध रुकवा सकता है.
Source : News Nation Bureau