चीन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है. ट्रंप को लगता है कि वैश्विक स्तर पर कोरोना के फैलने के लिए चीन जिम्मेदार है. वहीं, इसके लिए चीन अमेरिका को कसूरवार ठहराता है. इसी क्रम में अमेरिका ने 16 जून से चीन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. बता दें कि चीन ने पहले ही दोनों देशों के बीच उड़ानों पर रोक लगा रखी है.
आदेश से प्रभावित 4 एयरलाइनों में एयर चाइना, चाइना सदर्न एयरलाइंस, चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस और जयामी एयरलाइंस शामिल हैं. कोरोना महामारी से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच एक सप्ताह में करीब 325 यात्री उड़ानें भरी जाती थीं. इनमें यूनाइटेड, डेल्टा और अमेरिकन एयरलाइंस के ओर से संचालित उड़ाने थे. परिवहन विभाग के अनुसार, यूएस वाहकों ने अपनी उड़ानों को रोक दिया है, जबकि चीनी एयरलाइंस ने फरवरी के मध्य में दोनों देशों के बीच सप्ताह में 20 बार उड़ान भरी और मार्च के मध्य तक 34 उड़ान भरी थी.
अमेरिका ने चीन से तोड़ा रिश्ता
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है. पिछले दिनों अमेरिका ने कई तरह के आर्थिक रिश्ते चीन से तोड़ लिए थे. इस महामारी को लेकर डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने कोरोना वायरस को 'चाइनीज वायरस' कह कर संबोधित किया है. वे यह भी आरोप लगा चुके हैं कि दुनिया को इस वायरस के बारे में बताने में चीन ने देरी की और उसका रवैया ठीक नहीं रहा.
डब्ल्यूएचओ से तोड़ा नाता
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर डब्ल्यूएचओ को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी नाता तोड़ चुके हैं. उनके डब्ल्यूएचओ में चीन 4 करोड़ डॉलर तो अमेरिका 45 करोड़ डॉलर का योगदान देता है, लेकिन इसके बाद भी अमेरिका के अनुरोध पर WHO में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
Source : News Nation Bureau