कोरोनावायरस (Corona Virus) का कहर पूरी दुनिया के लिए आफत बन चुका है. दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका (US) को भी कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण को रोकने का अब तक कोई विकल्प नहीं मिला है. वहीं कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच लगातार तनाव बढ़ता ही जा रहा है. आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने एक बार फिर कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहकर संबोधित करते हुए ट्वीट किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने इस ट्वीट में लिखा है कि, चीनी वायरस को लेकर आज करूंगा अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस. मैं चीनी वायरस से संबंधित FDA से बहुत महत्वपूर्ण समाचारों पर चर्चा करने के लिए आज एक समाचार सम्मेलन कर रहा हूं! मैं पूरी तरह से आपके चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा करेगा!
I will be having a news conference today to discuss very important news from the FDA concerning the Chinese Virus!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 18, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) द्वारा कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहे जाने के बाद चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हम हम अमेरिका से इस बात की मांग करते हैं कि वह (अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप) अपनी इस गलती (कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहे जाने पर) सुधार करें और चीन के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाना बंद करे.’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस को कहा था चीनी वायरस
आपको बता दें कि इसके पहले भी अमेरिकी राष्ट्रपति कोरोना वायरस को चीनी वायरस कहकर संबोधित कर चुके हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था सरकार एयरलाइंस जैसे उन उद्योगों के साथ मजबूती से खड़ी होगी जिन पर इस चीनी वायरस का असर पड़ा है. आपको बता दें कि चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान का विरोध किया था, जिसके बाद एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने ट्वीट में कोरोना वायरस को चीनी वायरस कह कर संबोधित किया है. ट्रंप ने कहा कि यह वायरस चीन से आया है और ऐसा कहना बिलकुल भी गलत नहीं है.
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ट्रंप के इस बयान की अमेरिका में भी हुई थी आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान की उनके देश के लोग भी आलोचना कर रहे हैं. न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासियो ने ट्रंप के इस बयान के जवाब में ट्वीट करते हुए लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान से एशियाई और अमेरिकियों के बीच कट्टरता बढ़ेगी जिससे यहां पर रहने वाले एशियाई और अमेरिकी दोनों को ही खतरा हो सकता है. वहीं चीन भी कोरोना वायरस को लेकर इस बात का आरोप लगाता रहा है कि कोरोना वायरस अमेरिका से आया है.
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चीन को ऐसी अफवाहें नहीं फैलानी चाहिएः माइक पोम्पियो
पिछले सप्ताह में चीनी विदेश मंत्रालय ने कोरोना वायरस को अमेरिकी साजिश बताया था. चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर इस वायरस को अमेरिकी सेना ने चीन के क्षेत्र में भेज दिया था. चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन ऐसी भ्रामक और गलत जानकारियों से लोगों को दुविधा में न डाले और ऐसी अफवाहों को फैलाने से बाज आए. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी चीन की इस टिप्पणी को गलत बताया था.