अफगानिस्तान से अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहली बार संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा मिशन कामयाब रहा. साथ ही उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई जारी रखने की बात एक बार फिर से दोहराई. जो बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान समेत दुनिया भर में आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे. लेकिन अब किसी देश में आर्मी बेस नहीं बनाएंगे. बाइडेन ने कहा कि हमने अफगानिस्तान में 20 साल तक शांति बनाए रखी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमने जो कार्य किया है वह कोई और नहीं कर सकता था. हमने तालिबान की मौजूदगी के बावजूद जो लोग निकलना चाहते थे, उनको वहां से निकाला. हमने एक लाख लोगों को निकाला.
बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का हमारे या किसी और देश के खिलाफ आतंकियों के लिए जमीन का इस्तेमाल न किया जाए. हम दुनिया को सुरक्षित रखना चाहते हैं. सोमालिया और अन्य देशों की स्थिति आपने देखी है. उन्होंने अफगानिस्तान से निकलने को रणनीति का हिस्सा बताया और कहा कि अमेरिकी सैन्य टुकड़ी के बिना वे अपने आपको मजबूत बनाने में कैसे सक्षम होंगे, ये आने वाला समय बताएगा.
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बोले- रातों रात नहीं लिया फैसला
जो बाइडेन ने कहा कि हमारे सैनिकों ने दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी. यह युद्ध का मिशन नहीं था, बल्कि दया का मिशन था. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जो कर दिखाया, इतिहास में कभी किसी ने नहीं किया है. बाइडेन ने अमेरिका से फौजों को बुलाने के फैसले पर एक बार फिर सफाई दी. उन्होंने कहा कि यह फैसला रातों-रात नहीं लिया गया. इसके लिए एक लंबी प्रक्रिया पूरी की गई. बड़ी संख्या में लोगों इस पर अपनी राय दी. अमेरिकी फौज से जुड़े तमाम लोगों से रायशुमारी की. इसके बाद यह फैसला किया गया.
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जो बाइडेन ने कहा कि हमने दो दशक तक अफगानिस्तान में बड़ी रकम खर्च की है. हम इस रकम का अपने देश में विकास कार्यों में इस्तेमाल कर सकते थे. हमने इसका परिणाम भुगता है. हमने बहुत संघर्ष किया है, कई तरह की परेशानियां भुगती हैं. निश्चित रूप से उनका कष्ट, उनकी परेशानी पीड़ादायक है. उन्होंने कहा कि अमेरिका में हर दिन सैकड़ों लोग आत्महत्या कर रहे होते हैं, हमें उनके बारे में भी सोचना है. 20 साल लंबी लड़ाई हमारे लिए मुश्किल थी. भविष्य ज्यादा सुरक्षित हो, हमें इस दिशा में भी प्रयास करने हैं. अमेरिका का मिशन खत्म हो चुका है.