Video of Russian SU-27 fighter jet colliding with MQ-9 drone : अमेरिका के सबसे खतरनाक मानवरहित ड्रोन MQ-9 Reaper को काला सागर में रूसी फाइटर जेट्स ने ही गिराया था. अमेरिका ने अब बाकायदा इसका सबूत भी जारी किया है. अमेरिका ने कहा है कि पहले रूसी सु-27 फाइटर जेट ने जान बूझकर उसके रीपर ड्रोन के ऊपर ईंधन गिराया, ताकि वो किसी काम का न रह जाए. उसके बाद दूसरे रूसी जेट ने करीब आधे घंटे बाद रीपर ड्रोन को टक्कर मार दी और वो काला सागर में समा गया. हालांकि पहले रूस ने ऐसी घटना से इनकार किया था. और कहा था कि वो अमेरिका के लिए उसके ड्रोन को खोज निकालने के लिए अभियान चलाएगा. इस मुद्दे पर अमेरिका और रूस से रक्षा मंत्रियों ने बुधवार को बात भी की थी. लेकिन अब अमेरिका की तरफ से इस घटना का वीडियो जारी कर दिया गया है.
खुद अमेरिका ने ही गिराया ड्रोन, क्योंकि हो गया था बर्बाद?
इस वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि एमक्यू-9 रीपर ड्रोन के सामने से आए रूसी फाइटर जेट ने उसके ठीक सामने फ्यूल डिस्चार्ज कर दिया. जिसके तुरंत बाद रीपर ड्रोन के पंखे जाम हो गए. हालांकि इसके बाद भी वो अपना बैलेंस बनाकर हवा में बना हुआ था. लेकिन उसकी क्षमताएं खासकर कैमरा व अन्य खास सेंसर्स ने काम करना बंद कर दिया था. अमेरिका का कहना है कि इस घटना के आधे घंटे बाद रीपर ड्रोन को टक्कर मारा गया और वो खुद को बचा नहीं पाया. जिसके बाद उसके ऑपरेटर ने ही ड्रोन को सेल्फ डिस्ट्रक्शन मोड में डालकर काला सागर में गिरा दिया. देखिए- रुसी फाइटर जेट सु-27 की हरकत...
US releases Video of Russian SU-27 fighter jet colliding with MQ-9 drone pic.twitter.com/IKYBOKYukT
— Amichai Stein (@AmichaiStein1) March 16, 2023
ड्रोन को ढेर करने के पीछे रूसी पायलट का दिमाग?
अमेरिका ने सीधे तौर पर इस घटना के पीछे रूस का हाथ बताया है. अमेरिका का कहना है कि बिना शीर्ष अधिकारियों की अनुमति और बिना दिशा निर्देश के अंतर्राष्ट्रीय वायुसीमा में ऐसी हरकत कोई भी पायलट नहीं कर सकता. चूंकि रूसी पायलट ड्रोन पर सीधे हमला नहीं कर सकता था, ऐसे में उसने अपरोक्ष हमले का सहारा लिया. वहीं, दूसरे हमले के बारे में सीधे तौर पर कोई वीडियो सबूत अमेरिका ने जारी नहीं किया है. क्योंकि संभवत: उस समय तक ड्रोन पूरी तरह से खराब हो चुका था.
HIGHLIGHTS
- अमेरिका ने दुनिया को दिखाया सबूत
- रूसी फाइटर जेट ने ही रीपर को गिराया
- दो फाइटर जेटों ने मिलकर किया काम