रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का कहना है कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई अमेरिका के प्रभुत्व वाली विश्व व्यवस्था के खात्मे के लिए है. उन्होंने सोमवार को रूसी टेलीविजन द्वारा प्रसारित एक इंटरव्यू में दावा किया कि वाशिंगटन एड हॉक नियमों को लागू करके और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करके वर्चस्व चाह रहा है. वह अमेरिका के अपने तथाकथित 'नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय आदेश' को लागू करने के प्रयासों का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें मॉस्को और बीजिंग से मजबूत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है.
लावरोव ने बताया, "हमारा विशेष सैन्य अभियान (नाटो के) बेधड़क विस्तार और अमेरिका व उसके पश्चिमी विषयों द्वारा विश्व मंच पर पूर्ण वर्चस्व की दिशा में अबाधित अभियान को खत्म करने के लिए है."
उन्होंने कहा, "यह वर्चस्व अंतर्राष्ट्रीय कानून के घोर उल्लंघन और कुछ नियमों के तहत बनाया गया है, जिसका वे अब इतना अधिक प्रचार कर रहे हैं और जिसे वे मामला-दर-मामला आधार पर बनाते हैं." लावरोव ने कहा कि रूस उन राष्ट्रों में शामिल है जो वाशिंगटन की इच्छा को नहीं मानेंगे. यह केवल बराबरी के एक अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा होगा और पश्चिमी देशों को अपनी वैध सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी करने की अनुमति नहीं देगा.
लावरोव ने यूक्रेन में और अधिक लड़ाई को प्रोत्साहित करने के लिए पेश होने के लिए यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल को फटकार लगाई. ब्लॉक के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि संघर्ष 'युद्ध के मैदान पर जीता जाएगा' क्योंकि उन्होंने पिछले शनिवार को कीव को और अधिक सैन्य सहायता की घोषणा की थी. लावरोव ने बयान को 'अपमानजनक' बताया.
Source : News Nation Bureau