रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के छह महीने हो जाने और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के तमाम प्रतिबंधों के बीच भारत की रूस (Russia) से कच्चे तेल समेत ईंधन की खरीद जारी रखने के बीच अमेरिका (America) के उप वित्त मंत्री वैली अडेयेमो (Wally Adeyemo) अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर आज भारत (India) पहुंच रहे हैं. इस दौरान वे भारतीय अधिकारियों और मंत्रियों से दोनों देशों के आर्थिक और सुरक्षा हितों पर बातचीत करेंगे. वैली अडेयेमो भारत प्रवास के दौरान पहले मुंबई और फिर नई दिल्ली आएंगे. इस यात्रा के दौरान वह पीएमओ (PMO) के अधिकारियों संग बैठक के अलावा वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करेंगे. अमेरिकी वित्त मंत्रालय के मुताबिक वैली अडेयेमो ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती देने समेत वैश्विक खाद्यान्न असुरक्षा और अवैध वित्तीय लेनदेन की रोक सरीखे महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा करेंगे.
दो दिन मुंबई में बिताने बाद वैली 26 को आएंगे दिल्ली
अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, 'वैली अडेयेमो दोनों देशों के मजबूत आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में बातचीत करेंगे. इसके साथ ही परस्पर बातचीत में उनका जोर भारत-प्रशांत आर्थिक ढांचे के तहत लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर भी रहेगा. अपनी इस पूरी यात्रा के दौरान अडेयेमो भारत-अमेरिका के परस्पर मजबूत संबंधों समेत साझा प्रतिबद्धता पर बातचीत करेंगे.' अमेरिकी वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक वैली अडेयेमो 24-25 अगस्त को मुंबई में वरिष्ठ अधिकारियों और व्यावसायिक प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे.
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रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वैली का दौरा महत्वपूर्ण
वैली अडेयेमो अपने मुंबई प्रवास के दौरान उद्यमियों और आईआईटी मुंबई के छात्रों से भी मुलाकात करेंगे. कार्यक्रम के अनुसार अडेयेमो मजबूत भारत-अमेरिकी आर्थिक संबंधों पर एक व्याख्यायन भी देंगे. अमेरिका वापसी से पहले उप वित्त मंत्री 26 अगस्त को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. गौरतलब है कि अमेरिकी वित्त मंत्री का भारत दौरा ऐसे समय हो रहा है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच वॉशिंगटन ने भारत के नीतिगत निर्णयों का बचाव किया है. अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बीते हफ्ते ही कहा था कि मॉस्को से ऐतिहासिक संबंध रखने वाले देशों को अपनी विदेश नीति को नई दिशा में लंबा समय लगेगा.
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अमेरिका ने भारत-रूस संबंधों पर कही थी बड़ी बात
गौरतलब है कि यूक्रेन से युद्ध के दौरान रूस को अलग-थलग करने में अमेरिका की नाकामी के सवाल पर नेड प्राइस ने बीते हफ्ते कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर रूस के हमले के मुद्दे पर कई देशों ने अपना पक्ष खुलकर रखा और इसी आधार पर रूस के खिलाफ या पक्ष में मतदान किया. इसे किसी लिहाज से पाला बदलना नहीं कहा जा सकता. इसका मतलब यह है कि इन देशों के रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं. भारत के ही कई दशकों से रूस से संबंध हैं. ऐसे में इन देशों को अपनी विदेश नीति को नए सिरे से बनाने के लिए लंबा वक्त देना होगा.' गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बीते सप्ताह रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए साफ-साफ कहा था देशहित में बेहतर सौदा ही हमारी प्राथमिकता है और रहेगी.
HIGHLIGHTS
- ऊर्जा सुरक्षा, खाद्यान्न असुरक्षा समेत अवैध वित्तीय लेन-देन रहेंगे मुद्दा
- स्वतंत्र भारत-प्रशांत क्षेत्र समेत चीली आपूर्ति श्रृंखला पर भी रहेगा फोकस
- 24-25 अगस्त को मुंबई में बिताने के बाद 26 को दिल्ली आएंगे वैली अडेयेमो