संयुक्त राष्ट्र व्यापार औक विकास सभा ने चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता के प्रति एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही तक चीनी माल पर लगाए गए टैरिफ का भुगतान मुख्य रूप से अमेरिकी उपभोक्ताओं और कंपनियों द्वारा चुकाना पड़ा है. अमेरिकी सरकार की अधिक कर वसूली से विनिर्माण की वापसी की योजना भी विफल हुई. इस रिपोर्ट के लेखक एलेस्सांद्रो निसिता के अनुसार, वर्ष 2019 की पहली तिमाही तक अमेरिका में चीनी माल के दामों में कोई गिरावट नहीं आई, लेकिन अधिक कर वसूली की वजह से आयातित मालों के दाम बढ़ाया गया. इसमें जो खर्च है, अमेरिकी आयात कंपनियों और उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है.
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यह आंकड़ा भी सामने आया है कि 2019 की दूसरी तिमाही में चीनी माल के दाम में 8 प्रतिशत कमी नजर आई है. इसका मतलब है कि चीनी निर्यातकों को भी कर वसूली का भुगतान चुकाना पड़ा है. बताया गया है कि वर्ष 2019 के जून माह तक अमेरिका ने 2.5 खरब अमेरिकी डालर के चीनी माल पर 25 प्रतिशत कर वसूली की। चीनी निर्यातकों ने उनमें एक तिहाई भाग का भुगतान चुकाया है.
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अमेरिकी सरकार की विनिर्माण को वापस लाने की योजना भी विफल हुई। रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 के पूर्वार्ध में अमेरिका में चीन से आयात की 35 अरब अमेरिकी डालर की कमी हुई. इसमें 60 प्रतिशत पर दूसरे देशों ने स्थान ले लिया है। व्यापार तनाव से चीन और अमेरिका दोनों को क्षति पहुंचाई गई है.