पाकिस्तान पर दवाब बनाने को लेकर अमेरिका का कड़ा रुख जारी है। अमेरिका ने एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था को प्रस्ताव दिया है कि वह पाकिस्तान को वैश्विक आतंकी फंडिंग करने वाले देशों के वॉच लिस्ट में रखे।
अमेरिका के एक प्रमुख विभाग ने इस्लामाबाद पर अलकायदा और उससे जुड़े संगठनों के मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को नहीं मानने का आरोप लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका इसके लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से संपर्क कर पाकिस्तान पर दवाब बना सकता है।
अमेरिकी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'एंटी मनी लॉन्ड्रिंग या काउंटर आतंकी फंडिंग जैसे मामलों में पाकिस्तान की लापरवाहियों और उसकी राज्य नीति के खिलाफ अमेरिका लगातार चिंता जता रहा है।'
अधिकारी ने कहा, 'बड़ी चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 की प्रतिबद्धता को मानने से नकारता रहा है।'
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुसार कोई भी सदस्य देश अलकायदा, ओसामा बिन लादेन या तालिबान से जुड़े किसी व्यक्ति या संगठन के साथ अपने क्षेत्र के द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी तरीके से हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद-बिक्री नहीं होने देगा।
अमेरिकी गृह मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान इस प्रस्ताव को नहीं मान रहा है।
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पेरिस में अगले हफ्ते एफएटीएफ की बैठक होने वाली है जहां अमेरिका इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो गैरकानूनी फंडिंग के खिलाफ मानकों को तय करता है।
माना जा रहा है कि एफएटीएफ की वॉचलिस्ट में आने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका पहुंच सकता है। जिससे विदेशी निवेशों का पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा।
इसके अलावा पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से कर्ज लेना भा मुश्किल हो सकता है।
इससे पहले जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 के पहले ही ट्वीट में पाकिस्तान पर निशाना साधा था और कहा था कि वह आतंकियों को सुरक्षित जगह उपलब्ध करा रहा है। ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान झूठ और धोखे से अमेरिकी नेताओं को बेवकूफ बनाता रहा है।
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Source : News Nation Bureau