अमेरिका स्थित ब्लड टेस्टिंग कंपनी थेरानोस के पूर्व अध्यक्ष रमेश सनी बलवानी को निवेशकों व पीड़ितों से धोखाधड़ी करने का दोषी पाए जाने के बाद लगभग 13 साल की जेल की सजा सुनाई गई है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बलवानी को 155 महीने यानी लगभग 13 साल के लिए जेल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उसे 15 मार्च 2023 तक जेल में सरेंडर करने का वक्त दिया गया है. पिछले महीने, थेरानोस के संस्थापक और बलवानी के व्यापारिक साझेदार एलिजाबेथ होम्स को 135 महीने या 11 साल से अधिक की जेल की सजा सुनाई गई थी.
होम्स को निवेशकों को इसलिए दोषी ठहराया गया था कि यह कह कर निवेशकों को गुमराह किया कि उसने एक क्रांतिकारी चिकित्सा उपकरण विकसित किया है. इस साल जुलाई में बलवानी को वायर फ्रॉड के 10 मामलों और वायर फ्रॉड करने की साजिश के दो मामलों में दोषी पाया गया था. बलवानी को निवेशकों और मरीजों दोनों को गुमराह करने के लिए दोषी पाया गया था.
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, 57 वर्षीय बलवानी सितंबर 2009 से जुलाई 2016 तक थेरानोस में कार्यरत थे. थेरानोस के साथ बलवानी ने कंपनी के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में, फिर इसके प्रेसिडेंट के रूप में, और इसके मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में कई क्षमताओं में काम किया. मुकदमे में, सरकार ने साक्ष्य प्रस्तुत किया कि थेरानोस में, बलवानी ने 2010 और 2015 के बीच निवेशकों के खिलाफ वायर धोखाधड़ी करने की साजिश रची. 2013 और 2016 के बीच थेरानोस की ब्लड टेस्टिंग सर्विस के लिए भुगतान करने वाले मरीजों के खिलाफ वायर धोखाधड़ी करने की साजिश रची.
न्याय विभाग के अनुसार, वास्तव में, थेरानोस ने अधिकांश ब्लड टेस्टिंग करने के लिए तीसरे पक्ष से खरीदी गई पारंपरिक मशीनों का सहारा लिया. बलवानी को पता था कि थेरानोस 2014 और 2015 में केवल बहुत कम या मामूली राजस्व उत्पन्न करेगा.
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Source : IANS