वेनेजुएला में भयानक आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने गुरुवार को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लिया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन पर पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था. एक दर्जन लैटिन अमेरिकी देशों की सरकारों और कनाडा ने मादुरो के अगले कार्यकाल के औचित्य को खारिज किया था.
वहीं अमेरिका ने उनकी सरकार के शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल और बोलीविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस अपना समर्थन जताने के लिए कराकस पहुंच रहे हैं.
चूंकि देश में चल रही आर्थिक तंगी, अत्यधिक महंगाई और बढ़ती तानाशाही के बीच मादुरो की प्रसिद्धि से बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन शुरू हुआ है, जबकि सरकारी अनुदान प्राप्त करने वाले उनके समर्थकों ने राष्ट्रपति का समर्थन किया है.
सरकारी अनुदान में मिले चावल, आटा और खाना पकाने के तेल पर जीवित दो बच्चों की 43 वर्षीय मां फ्रांसिस वेलाज़्केज़ ने कहा, 'यह राष्ट्रपति की गलती नहीं है.' वेलाज़्केज़ ने उन अवसरवादियों को दोषी ठहराया, जो दुर्लभ वस्तुओं की कीमतें बढ़ाकर उनके जैसे अन्य परिवारों के लिए जीवन कठिन बना रहे हैं.
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वहीं दूसरी ओर, निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले एक मजदूर रेमन बरमूडेज़ जैसे अन्य लोग मादुरो के शासन से उम्मीद खो चुके हैं.
कराकस फुटपाथ पर सैकड़ों अन्य लोगों के साथ गैस का इंतजार कर रहे बरमूडेज़ ने कहा, 'अब सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दिया है और ईश्वर से मदद की प्रार्थना करता हूं.' मादुरो ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'न पहले, न अब, और न ही वेनेजुएला में कभी तानाशाही होगी.'
Source : PTI