पड़ोसी देश म्यांमार के एक जेड खदान में बुधवार को हुए भीषण हादसे में एक कर्मचारी की मौत की पुष्टि हुई है. साथ ही 50 से अधिक लापता लोगों को भी बचाए नहीं जा सकने की आशंका है. मलबे में दबे और पास की झील में बहे खदानकर्मियों को बचाने के लिए शुरू राहत और बचाव अभियान को रोक दिया गया है. हपाकांत टाउनशीप फायर डिपार्टमेंट के कैंप्टन प्याए नेइन ने रॉयटर को बताया कि यह बताना फिलहाल मुश्किल है कि कितने लोग लापता हैं. हमारे अनुमान से करीब 50 लोग लापता हैं और उन्हें बचाया जाने की बेहद कम उम्मीद है.
जानकारी के मुताबिक उत्तरी म्यांमार में एक जेड खदान में भूस्खलन वाले इलाके में राहत और बचाव अभियान फिलहाल रोक दिया गया है. वहीं राहत और बचाव दल के एक शख्स की मौत की पुष्टि की है. इस हादसे में करीब 70-100 लोग लापता बताए जा रहे हैं. फायर डिपार्टमेंट के नेतृत्व में ही राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा था.
म्यांमार में काचिन राज्य के हपाकांत इलाके में भूस्खलन सुबह करीब 4 बजे हुआ था. काचिन नेटवर्क डेवलपमेंट फाउंडेशन के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ अधिकारी सुबह करीब 7 बजे के घटनास्थल पर पहुंचे. भूस्खलन में 25 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मिज्जिमा समाचार पोर्टल और खित थित मीडिया ने बताया कि हपाकांत में हुई दुर्घटना में अब भी दर्जनों लोग लापता हैं.
जेड उद्योग का केंद्र है हपाकांत इलाका
जेड खदान में भूस्खलन ने एक बार फिर हपाकांत के गरीब प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा की ओर ध्यान खींचा है. जेड स्टोन एक कीमती रत्न है और म्यांमार दुनिया के 90 प्रतिशत जेड का उत्पादन करता है. हपाकांत का इलाका म्यांमार के जेड उद्योग का केंद्र बताया जाता है. इनके खदानों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं. हपाकांत की खराब विनियमित खदानों में घातक भूस्खलन और दूसरे जानलेवा हादसे आम हैं. इससे पहले पिछले हफ्ते एक भूस्खलन के दौरान यहां छह लोगों की मौत हो गई थी. पिछले साल जुलाई में हपाकांत में एक झील में खनन कचरे के गिरने से 170 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. तब भी मरने वाले लोगों में कई प्रवासी शामिल थे.
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तख्तापलट के बाद देश में बढ़ा जनसंघर्ष
फरवरी, 2021 में सेना की ओर से तख्तापलट कर शासन अपने हाथों में लेने के बाद से यहां बड़ा संघर्ष छिड़ा हुआ है. वहीं कोरोनोवायरस महामारी के चलते भी देश आर्थिक मंदी का शिकार है. नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू (जिन्हें सेना ने हटा दिया) की सरकार ने 2016 में सत्ता संभालने के बाद उद्योग को बढ़ावा देने का वादा किया था करने का वादा किया था. इसके बावजूद कुछ खास बदलाव नहीं आ सका. जेड खदानों में बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं. यहां से निकलने वाले कीमत रत्न ज्यादातर चीन को निर्यात किए जाते हैं. इन रत्नों की तलाश में पूरे म्यांमार के गरीब मजदूर खदानों में काम करने पहुंचते हैं.
HIGHLIGHTS
- राहत और बचाव दल ने हादसे में फिलहाल एक शख्स की मौत की पुष्टि की है
- अनुमान के मुताबिक करीब 50 लोग अब भी लापता हैं जिन्हें बचाया जाना मुश्किल
- म्यांमार दुनिया के 90 प्रतिशत कीमती रत्न जेड का उत्पादन करता है