Advertisment

पाकिस्तान की जनता अगर करते हैं चीन का विरोध तो बता दिया जा रहा है देशद्रोही या आतंकी!

पाकिस्तान में चीन के विरोध में जनता उतरने लगी है.पाकिस्तानी जनता चीन की मदद से बन रहे आर्थिक गलियारे का विरोध कर रहे हैं.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
पाकिस्तान की जनता अगर करते हैं चीन का विरोध तो बता दिया जा रहा है देशद्रोही या आतंकी!

इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (फाइल फोटो)

Advertisment

पाकिस्तान में चीन के विरोध में जनता उतरने लगी है.पाकिस्तानी जनता चीन की मदद से बन रहे आर्थिक गलियारे का विरोध कर रहे हैं. ओबामा सरकार की एक पूर्व अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों को बताया कि पाकिस्तान में जो लोग चीन की मदद से बन रहे आर्थिक गलियारे का विरोध कर रहे हैं उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. उन्हें राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी साबित करने की कोशिश की जा रही हा. जिसकी वजह से वहां के लोग और मीडिया सीपीईसी के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं.

सीपीईसी का पाकिस्तानी मीडिया डर की वजह से नहीं कर रहे आलोचना
ओबामा प्रशासन और जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल फॉर अडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज की शमीला चौधरी ने पिछले सप्ताह संसदीय समिति को बताया कि स्थानीय स्तर पर जो लोग सीपीईसी की आलोचना करते हैं, उन्हें अक्सर आतंकवादी करार दे दिया जाता है. पाकिस्तानी मीडिया में आपको शायद ही कोई ऐसा लेख दिखेगा जिसमें सीपीईसी की आलोचना की गई हो. ऐसा बहुत ही दुर्लभ है. शमीला चौधरी ने आगे कहा कि इसने नागरिक समाज और लोकतांत्रिक संस्कृति को पहले ही काफी नुकसान पहुंचाया है.

सीपीईसी 60 अरब डॉलर का है प्रोजेक्ट
बता दें कि चीन पाकिस्तान के बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से शिनजियांग प्रांत जोड़ वाली सीपीईसी बना रही है. जिसकी लागत 60 अरब डॉलर है. यह बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव’(BRI) की अहम परियोजना है.चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2013 में सत्ता में आने के बाद बीआरआई की शुरुआत की थी. चीन के BRI प्रॉजेक्ट का उद्देश्य दक्षिणपूर्व एशिया, मध्य एशिया, गल्फ क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप के साथ जमीनी और समुद्री मार्गों का नेटवर्क खड़ा करना है.

भारत इस परियोजना का कर रहा विरोध

वहीं, भारत इस परियोजना की खिलाफत कर रहा है. चीन के बेल्ट एंड रोड फोरम में दूसरी बार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का विरोध करते हुए भारत शामिल नहीं हुआ, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि विवादास्पद परियोजना दूसरे चरण में पहुंच चुकी है और इसका काम आगे बढ़ता रहेगा.
भारत ने सीपीईसी का कड़ा विरोध किया, जो बेल्ट एंड रोड परियोजना का अहम हिस्सा है, जो पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से गुजरती है. यही कारण है कि भारत इस हजारों अरब डॉलर की कनेक्टिविटी परियोजना का विरोध करता है. हालांकि चीन का कहना है कि यह परियोजना पूरी तरह से आर्थिक है और इससे कश्मीर मामले पर चीन के तटस्थ रुख को प्रभावित नहीं करेगा.

HIGHLIGHTS

  • पाकिस्तानी जनता नहीं कर पा रहे चीन का विरोध
  • चीन का विरोध करने पर जनता को बना दिया जा रहा देशद्रोही
  • भारत कर रहा इस परियोजना का विरोध 

Source : PTI

pakistan Balochistan Terrorists CPEC Gwadar Port Xinjiang US Lawmakers Traitors
Advertisment
Advertisment