संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात विशेष सत्र में रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से हटाने पर आज यानि गुरुवार को मतदान शुरू हो चुका है. रूस को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानवाधिकार निकाय से निलंबित करने की मांग का प्रस्ताव पेश किया गया था. मानवाधिकार परिषद में 47 सदस्य देश हैं, जो महासभा के सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं. यूक्रेन की राजधानी कीव के उपनगर बुचा से सामने आई नागरिकों के शवों की भयावह तस्वीरों और वीडियो के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने रूस को 47-सदस्यीय मानवाधिकार परिषद से हटाने का आह्वान किया था. अमेरिका ने मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी को एक ‘‘स्वांग’’ करार दिया है.
New York | UN General Assembly's emergency special session begins to vote on removing Russia from UN Human Rights Council pic.twitter.com/YSPY4GPsEk
— ANI (@ANI) April 7, 2022
एंटीगुआ एवं बारबुडा, कनाडा, कोलंबिया, कोस्टा रिका, जॉर्जिया, जापान, लाइबेरिया, मोल्दोवा गणराज्य, यूक्रेन, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के 27 सदस्यों की ओर से यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के अनुरोध के बाद यूएनजीए बृहस्पतिवार को एक बार फिर आपातकालीन विशेष सत्र शुरू किया है.
महासभा, ‘‘ रूसी संघ के मानवाधिकार परिषद में सदस्यता के अधिकारों को निलंबित करने’’ के प्रस्ताव पर मतदान करेगी. महासभा, उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से, ‘‘ मानवाधिकारों के घोर एवं चरणबद्ध उल्लंघन करने वाले परिषद के सदस्य के, परिषद में अधिकारों को निलंबित कर सकती है.’’
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मतदान में हिस्सा ना लेने वाले सदस्य देशों की गिनती नहीं की जाएगी और प्रस्ताव को पारित करने के लिए उसके पक्ष में दो-तिहाई मतों की जरूरत है.
थॉमस-ग्रीनफील्ड ने सोमवार को कहा था, ‘‘ हमें यकीन है कि रूसी बलों ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों को अंजाम दिया है और हमारा मानना है कि इसके लिए रूस की जवाबदेही तय की जानी चाहिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मानवाधिकार परिषद में रूस की भागीदारी एक स्वांग है. ’’
महासभा की प्रवक्ता पॉलिना कुबियाक ने बुधवार को बताया कि यूक्रेन पर महासभा का आपातकालीन विशेष सत्र बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे (ईडीटी) फिर से शुरू होगा. तभी ‘‘रूसी संघ के, मानवाधिकार परिषद में सदस्यता के अधिकारों को निलंबित करने’’ के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा. रूस अभी दिसंबर 2023 तक परिषद का सदस्य है.
बुचा में यूक्रेनी नागरिकों की हत्या की दुनियाभर में निंदा की जा रही है तथा रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग भी की गई है. हालांकि, रूस ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है.
अमेरिका में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने भी यूक्रेन के बुचा में नागरिकों की हत्याओं की खबरों की निंदा की है. तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि बुचा में नागरिकों के मारे जाने संबंधी हालिया खबरें काफी परेशान करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि भारत, ‘‘बुचा में हुई हत्याओं की निंदा करता है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करता है.’’
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी संसद के निचले सदन लोकसभा में बुचा में हत्याओं की निंदा की. यूक्रेन के बुचा में काफी संख्या में शव मिलने संबंधी घटना पर जयशंकर ने कहा, ‘‘हम इन खबरों से काफी परेशान हैं. हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं. हम इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने के आह्वान का समर्थन करते हैं.’’