श्रीलंका में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए शनिवार को मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए मतदान से कुछ घंटे पहले उत्तर पश्चिम श्रीलंका में अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं को ले जा रही बसों के एक काफिले पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला किया. यह चुनाव ईस्टर संडे बम विस्फोट के बाद सुरक्षा चुनौतियों और बढ़ते राजनीतिक ध्रुवीकरण से जूझ रहे श्रीलंका का भविष्य तय करेगा. देशभर में मतदान के लिए 1.59 करोड़ मतदाताओं के लिए 12,845 मतदान केन्द्र बनाये गये थे.
मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुआ था जो शाम पांच बजे तक चला. राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर ‘लगभग 80 प्रतिशत’ मतदान हुआ.’’ मतदान संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित की है. यह एक ऐसी उपलब्धि है जिससे हम सभी खुश हो सकते हैं.’’ देश के शीर्ष पद के लिए हो रहे इस चुनाव में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार मैदान में है. चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार और आवास मंत्री सजीथ प्रेमदासा (52) और विपक्ष के नेता गोटाबाया राजपक्षे (70) के बीच कड़ा मुकाबला है.
नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन से अनुरा कुमारा दिसानायके भी एक मजबूत उम्मीदवार हैं. वर्ष 2015 में राष्ट्रपति चुने गए सिरिसेना इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक परिणाम मध्य रात्रि के बाद आने की उम्मीद है. अंतिम परिणाम सोमवार को आयेंगे. पुलिस प्रवक्ता रुवन गुनशेखरा ने बताया कि चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था लिए 60,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. लगभग चार लाख चुनाव अधिकारियों को ड्यटी पर लगाया गया है. चुनाव की निगरानी करने वाले समूहों और पुलिस ने बताया कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद चुनाव शुरू होने से ठीक पहले देशभर में चुनाव संबंधित कई घटनाएं सामने आई है. उन्होंने बताया कि कानून के उल्लंघन के लिए 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कुल मिलाकर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. कोलंबो स्थित चुनावी हिंसा निगरानी केन्द्र (सीएमईवी) ने सुबह 10 बजे तक 69 घटनाओं की सूचना दी. अज्ञात बंदूकधारियों ने उत्तर पश्चिम पुट्टलम जिले से मुस्लिम मतदाताओं को लेकर जा रही बसों पर हमला किया. इसमें किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है. स्थानीय और विदेशी चुनाव पर्यवेक्षक यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ ड्यूटी पर थे और राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक चुनिंदा क्षेत्रों में थे. यूरोपीय संघ के चुनाव पर्यवेक्षक राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी घटनाओं की जानकारी जुटा रहे हैं. ईयू चुनाव पर्यवेक्षक मिशन (ईओएम) के मुख्य पर्यवेक्षक मारिसा मतियास ने पत्रकारों को बताया कि देशभर में अपने पर्यवेक्षकों से सूचनाएं एकत्र की जायेगी और सोमवार को इसके निष्कर्ष रखे जायेगे.
Source : Bhasha