रूस पर अब प्राइवेट आर्मी वैगनर ग्रुप के विद्रोह का खतरा टल गया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए यह राहत की बात है. जहां एक तरफ रूस यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वैगनर का विद्रोह भारी पड़ सकता था, लेकिन बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको बीच बचाव करने के लिए सामने आ गए. उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन के बीच समझौता करा दिया है.
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रूस में प्राइवेट आर्मी वैगनर ने शनिवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ बगावत कर दिया था. उन्होंने सड़कों पर अपने लड़ाकों और टैंकों को उतार दिया था. ये लड़ाके मास्को पर कब्जे की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुतिन की सख्ती के बाद वैगनर चीफ के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने 12 घंटे में विद्रोह करने का फैसला वापस ले लिया है और प्राइवेट आर्मी अपने कैंपों की ओर लौट गई.
जानें कौन बना मीडिएटर
पुतिन से बात करने के बाद बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको बीच बचाव में आ गए. उन्होंने वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन से बातचीत की. इसके बाद प्रिगोझिन ने यूटर्न लेते हुए अपनी सेना को वापस बुला ली. इसके बाद पुतिन और प्रिगोझिन के बीच समझौता हो गया कि मॉस्को में विद्रोह नहीं होगा.
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जानें पुतिन और प्रिगोझिन में क्या हुआ समझौता
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रूसी सरकार प्रिगोझिन के खिलाफ विद्रोह के मामले में आरोप वापस लेगी और उनके लड़ाकों पर कोई भी मुकदमा नहीं चलेगा. साथ ही वैगनर के जिन लड़ाकों ने विद्रोह नहीं किया था, उन्हें रक्षा मंत्रालय की ओर नौकरी दी जाएगी. साथ ही अब प्रिगोझिन अपने देश रूस को छोड़कर बेलारूस चले जाएंगे.