मालदीव में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच वहां के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा है कि वो नहीं चाहते कि उनके देश को लेकर भारत और चीन में तनाव बढ़े।
पूर्व राष्ट्रुपति मोहम्मद नशीद ने कहा, मालदीव संकट और आपातकाल का सामना कर रहा है। ऐसे में वो नहीं चाहते कि उनके देश की वजस से भारत और चीन में किसी तरह का तनाव बढ़े और कोई दिक्कत पैदा हो।
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी कीमत पर नहीं चाहते कि हमारी वजह से भारत और चीन एक दूसरे के खिलाफ हो जाएं।' यह बातें पूर्व राष्ट्रपति ने बेंगलूरु में इंग्लिश अखबार द हिंदू के एक कार्यक्रम में कही।
गौरतलब है कि इससे पहले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारत से मालदीव में उपजे राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए मदद की अपील की थी।
आईलैंड्स से घिरे मालदीव में उस वक्त राजनीतिक संकट आ गया था जब वहां सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को विपक्षी पार्टियों समेत 9 कैदियों को आजाद करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस राजनीति से प्रेरित कदम बताया था।
देश के मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया जिसके बाद वहां स्थिति बिगड़ गई।
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स्थिति बिगड़ती देखकर राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा कर दी जिसके बाद सेना सुप्रीम कोर्ट में घुस गई और चीफ जस्टिस को हिरासत में ले लिया।
मालदीव के नेताओं के भारत से मदद मांगने के बाद चीन ने इसपर नाराजगी जाहिर की थी और किसी भी तरह के सैन्य हस्तक्षेप का विरोध करते हुए कहा था इससे स्थिति और बिगड़ेगी।
नशीद फिलहाल मालदीव से निर्वासित हैं और श्रीलंका में अपना जीवन बिता रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau