अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दो दिन बाद भी नतीजे साफ नहीं हो सके हैं. अभी तक जो नतीजे सामने आए हैं उसमें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन (Joe Biden), रिपब्लिकन के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से काफी आगे चल रहे हैं. नतीजे आने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि चुनावों में फ्रॉड किया गया है.
अब खबर सामने आ रही है कि चुनाव में ढेरों मतदाताओं के पास ऐसे कॉल गए, जो उन्हें कोरोना से बचाव के लिए वोट न डालने की अपील कर रहे थे. अनुमान है कि ये एक खास पार्टी के वोटरों को वोट देने से रोकने के लिए किया गया. इसे रोबोकॉल (robocall) कहते हैं.
क्या हुआ है फ्रॉड
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के लिए अमेरिका इस बार कोर्ट की प्रक्रिया से गुजर सकता है. डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन दोनों ही एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इधर अलग-अलग स्त्रोतों से फ्रॉड की शिकायत भी मिल रही है. हालांकि तस्वीर साफ नहीं कि किस पार्टी ने किस पार्टी के खिलाफ ये काम किए हैं. इन्हीं धांधलियों में से एक हैं रोबोकॉल. ये असल में फर्जी कॉल हैं, जो किसी खास मकसद से किए जाते हैं.
क्या कहा गया रोबोकॉल्स में
अमेरिका में मतदाताओं को वोट देने से रोकने के लिए ये कॉल किए गए. एंटी-रोबोकॉल सॉफ्टवेयर की निर्माता कंपनी यू-मेल के मुताबिक अमेरिका 90 फीसदी एरिया कोड्स में मतदान से संबंधित रोबोकॉल रिसीव किए गए. ये खबर मंगलवार को वॉशिंगटन पोस्ट में छपी. इसमें आशंका जताई गई कि किसी खास पार्टी के मतदाताओं को वोट देने से रोकने के लिए ये कॉल किए गए ताकि दूसरी पार्टी का नंबर बढ़े. इसमें वोटरों से अपील की गई कि वे मतदान के लिए न जाएं क्योंकि उनके राज्य में कोरोना के कारण हालत खराब है.
पैसे ऐंठने के लिए किए जा रहे फोन
फर्जी कंपनियां फ्रॉड के लिए लोगों को इस तरह के कॉल करती और उनसे पैसे ऐंठती हैं. आमतौर पर ये किसी चेतावनी की शक्ल में होता है, ताकि कॉल पाने वाला डर जाए और कोई न कोई ऐसा कदम उठाए जो अनुमानित हो. इसी दौरान उसकी गुप्त जानकारियां चुरा ली जाती हैं.
Source : News Nation Bureau