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देश को जब मिली आजादी तो ब्रिटेन में किसकी थी सरकार, कंजर्वेटिव पार्टी ने किया था विरोध 

ब्रिटेन की लेबर पार्टी हमेशा से भारत के पक्ष में रही है. आजादी के वक्त यहां पर आम चुनाव थे, तब उसने भारत के ​लिए बड़ा वादा किया था.

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Mohit Saxena
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क्लीमेंट एटली

क्लीमेंट एटली ( Photo Credit : social media)

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ब्रिटेन में एक दशक बाद लेबर पार्टी सत्ता में आई है. इस पार्टी ने हमेशा से भारत का समर्थक माना जाता है. इस पार्टी ने ही भारत की आजादी की नीव रखी थी. दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत को आजादी देने का कानून इस पार्टी ने तैयार किया था. इसके साथ देश को आजाद कराने में अहम योगदान दिया. वहीं ब्रिटेन की कंजर्वेटिव पार्टी ने उस समय भारत की आजादी का विरोध किया था. नेता विंस्टन चर्चिल ने हमेशा भारत को आजादी देने के प्रबल विरोधी थे. लेबर पार्टी शुरू से ही भारत का समर्थन करती रही है. अब इसका सत्ता में दोबारा आना भारत के लिए खास माना जा रहा है. ये पार्टी जब भी चुनाव में उतरती है या सत्ता में आती है तो भारत का सहयोग करती है. उसके घोषणा पत्र में भारत और भारतीयों को खास जगह दी जाती है. उनके लिए खास वादे भी किए जाते हैं.

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क्या है इतिहास 

पार्टी का गठन 1900 में ब्रिटेन में ट्रेड यूनियनों औऱ समाजवादियों की ओर से किया गया था. इसका उद्देश्य काम करने वाले तबकों की आवाज को संसद तक पहुंचाना था. कई तरह के लेख में बताया गया है कि ये पार्टी हमेशा भारत को लेकर अधिक करीब थी. 1917 से लेकर 1939 तक इस पार्टी के नेता संसद और बाहर अपने भाषणों में भारत की आजादी के आंदोलन के प्रति सहानुभूति रखते थे.

1945 के चुनावों में लेबर पार्टी ने किया था बड़ा वादा

दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब ब्रिटेन में 1945 में आम चुनाव हुए तो ब्रिटेन मतदाताओं के बाद दो विकल्प थे. एक थी कंजर्वेटिव पार्टी जिसने दूसरे विश्व युद्ध में देश को विजय दिलाई. वहीं इसका खामियाजा भी देश ने उठाया. देश के संसाधनों में कमी देखी गई. वहीं लेबर पार्टी महत्वाकांक्षी सामाजिक सुधार कार्यक्रमों को सामने रख रही थी. दूसरे विश्व युद्ध में सेना में शामिल भारतीयों ने अहम भूमिका निभाई थी. इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है. लेबर पार्टी ने ब्रिटिश लोगों से कहा कि उसका लक्ष्य भारत को जिम्मेदार स्वशासन की ओर बढ़ाना है. वह अब भारत को स्वशासन का मौका देंगे.

भारतीय स्वशासन को खारिज किया करते थे चर्चिल 

वहीं कंजर्वेटिव पार्टी कई वर्षों से इस तरह के हवाई दावे कर रही थी. उस समय विंस्टन चर्चिल हमेशा भारतीय स्वशासन को खारिज किया करते थे. उस समय चुनाव लेबर पार्टी ने जीता. क्लीमेंट एटली पीएम बने. पार्टी ने वहीं किया जो उसने चुनाव से पहले वादा किया. उनके घोषणा पत्र में भी यही बात की थी. पार्टी सत्ता में आने के बाद तेजी से भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में काम करना शुरू किया. अंत में पार्टी ने भारत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया. 

Source : News Nation Bureau

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