कैबिनेट की बैठक में भी पाकिस्तान डोनल्ड ट्रंप के आरोपों का कोई जवाब तैयार नहीं कर सका है। लेकिन उसके विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्रंप को चुनौती देते हुए कहा है कि ऑडिट कराने पर अमेरिका गलत साबित हो जाएगा।
एक जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका मूर्खतापूर्वक 15 सालों तक पाकिस्तान को मदद देता गया, जबकि वह (पाकिस्तान) अफगानिस्तान के आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता रहा।
इसके साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दिये जाने वाले 255 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता देने पर रोक लगा दी है।
अमेरिका के इस कदम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ट्वीट कर कहा, 'ट्रंप एक अमेरिकी ऑडिट फर्म को जिम्मेदारी दे दें और वो 33 बिलियन डॉलर की सहायता के आंकड़े की जांच करे और दुनिया को पता चले कि कौन झूठ बोल रहा है और धोखा दे रहा है।'
इससे पहले अमेरिका के 255 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता को रोकने के फैसले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मसले पर चर्चा करने के लिये कैबिनेट और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक बुलाई थी।
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इस बैठक में सैन्य सहायता पर रोक और तल्ख टिप्पणी का जवाब देने पर चर्चा के साथ ही सहायता राशि न मिलने की स्थिति में दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जाना था।
हालांकि पाकिस्तान अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट पर कोई जवाब अभी तक नहीं दे पाया है।
कैबिनेट की बैठक से ठीक पहले सेना के मुख्यालय पर हुई कॉर्प्स कमांडर्स की बैठक में भी ट्रंप के आरोपों पर चर्चा की गई और सेना ने अपने सुझाव सरकार को भेज दिया था।
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Source : News Nation Bureau